संभावित बाढ़ से निपटने के पूरे हुए इंतजाम

मानसून की आहट के साथ ही जिला प्रशासन प्रशासन ने भी संभावित बाढ़ से निपटने की अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:13 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:13 PM (IST)
संभावित बाढ़ से निपटने के पूरे हुए इंतजाम
संभावित बाढ़ से निपटने के पूरे हुए इंतजाम

सहारनपुर, जेएनएन। मानसून की आहट के साथ ही जिला प्रशासन प्रशासन ने भी संभावित बाढ़ से निपटने की अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं। साथ ही सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया जा चुका है कि बाढ़ आने पर उन्हें किस तरह काम करना है। सिचाई विभाग की मानें तो उसने भी तटबंध आदि का काम पूरा कर लिया है।

यूं तो हर साल बरसात के मौसम से पूर्व जिला प्रशासन व सिचाई विभाग द्वारा बाढ़ को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी जाती है। परंतु बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुछ कार्य हो चुके हैं तो कुछ के प्रस्ताव शासन को गए हुए हैं। यूं तो जनपद में कुल 24 नदियां हैं परंतु प्रमुख नदी के रूप में यमुना नदी बहती है, जिसमें साल भर पानी रहता है। जनपद में यमुना नदी की लंबाई 96 किलोमीटर है। बाढ़ आने की स्थिति में यमुना नदी ही सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। अभी तक के इतिहास में यमुना नदी में साल 2019 में हथनी कुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे पूर्व वर्ष 2013 में 8.06 लाख पानी छोड़ा गया था। इन दोनो ही बार छोड़े गए पानी ने दिल्ली तक भारी तबाही मचाई थी। यमुना नदी में आने वाला पानी का सबसे ज्यादा असर तहसील सदर व नकुड़ के गांवों पर पड़ता है। तहसीलवार बाढ़ प्रभावित गांव

जनपद में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर तहसील बेहट, सदर व नकुड़ तहसील में पड़ता है। यमुना नदी में बाढ़ आने से बेहट तहसील के 86 गांव प्रभावित होते हैं। बाढ़ आने से नकुड़ तहसील के 25 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सदर तहसील क्षेत्र में यमुना नदी व हिडन नदी से 52 गांव प्रभावित होते हैं। देवबंद क्षेत्र में हिडन नदी से सात व रामपुर मनिहारान के छह गांव प्रभावित होते हैं। बचाव के 25 तटबंध

सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विकास चंद्रा का कहना है कि जनपद में बाढ़ से बचाव को 25 तटबंध हैं। इनकी लंबाई 79 किलोमीटर है। इनमें यमुना नदी पर 13 तटबंध हैं। इनकी लंबाई 13 किलोमीटर है। संभावित बाढ़ से निपटने के लिए 25 बाढ़ चौकी एवं हथिनी कुंड बैराज पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इन चौकियों पर डयूटी लगा दी गई है। साथ ही संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है जो बाढ़ आने की स्थिति में अपना काम शुरू कर देंगे। प्रशासन द्वारा ही नाव व गोताखोरों की व्यवस्था की जाती है। प्रशासन की सभी तैयारियां पूरी

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विनोद कुमार का कहना है कि 15 दिन पहले ही जिलाधिकारी द्वारा संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों के संबंध में निर्देश दिये गए हैं। स्वास्थ्य विभाग व पशुपालन विभाग दवाइयों तथा खाद्य विभाग को खाद्य सामग्री के लिए बोला गया है।

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