जम्मू-कश्मीर में रहने वाले युवकों के परिजनों में दहशत, सुरक्षा की मांग
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही दूसरे राज्यों के लोगों की हत्या को लेकर सहारनपुर के उन परिवारों में दहशत है जिनके परिवार के युवक जम्मू श्रीनगर पुलवामा आदि स्थानों पर रहकर नौकरी कर रहे हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही दूसरे राज्यों के लोगों की हत्या को लेकर सहारनपुर के उन परिवारों में दहशत है, जिनके परिवार के युवक जम्मू, श्रीनगर, पुलवामा आदि स्थानों पर रहकर नौकरी कर रहे हैं। सगीर के मोहल्ले का ही रहने वाला एक युवक भी पुलवामा में नौकरी करता है। उसके परिजनों ने अपने बेटे को घर बुला लिया और नौकरी कराने से इन्कार कर दिया। इसी तरह से सहारनपुर के अन्य परिवारों में भी दहशत का माहौल है।
दरअसल, सहारनपुर वुड वर्किंग का हब माना जाता है। यहां से लकड़ी का सामान विदेशों में एक्सपोर्ट होता है। इसलिए यहां के कारीगर को बेहतर कारीगर माना जाता है और अच्छी सेलरी पर नामी कंपनियां नौकरी पर रख लेती हैं। मोहल्ला सराय हिसामुदीन निवासी जिस सगीर की आतंकियों ने हत्या की है, उनके पड़ोस में रहने वाले अकबर का बेटा फैसल भी जम्मू-कश्मीर में लकड़ी का सामान बनाने वाली एक कंपनी में नौकरी करता है। फैसल की उम्र 22 साल है। हालांकि वह कई दिन पहले सहारनपुर में छुट्टी आ गया था। अभी तक यहीं पर है। सगीर की हत्या की बात सुनकर अब उसके परिजनों ने फैसला लिया है कि उसे वापस नहीं जाने दिया जाएगा। फैसल ने बताया कि सहारनपुर के कई युवक वहां पर नौकरी कर रहे हैं। अपना काम कर रहे हैं। फैसल को तो यह तो पता नहीं कि यह युवक किस-किस मोहल्ले के हैं, लेकिन जिनके भी स्वजन जम्मू-कश्मीर में नौकरी कर रहे हैं उन सभी परिवारों में दहशत का माहौल है। हर किसी को डर सता रहा है कि उनका बेटा किस हालात में नौकरी कर रहा है। फैसल ने बताया कि उनके रिश्तेदार रिजवान और मोहम्मद अहमद भी वहां पर नौकरी करते हैं। रिजवान और मोहम्मद अहमद के परिजनों ने जिला प्रशासन से मौखिक रूप से मांग की है कि उनके परिवार के युवकों की सुरक्षा की जाए।
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चाहे पाकिस्तानी हों या फिर कोई ओर, सेना करे खात्मा
सराय हिसामुद्दीन मोहल्ले के रहने वाले पार्षद मंसूर बदर का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के काफी लोग नौकरी और काम की तलाश में जाते हैं। वर्तमान में बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों के वहां पर नौकरी और अपना काम कर रहे हैं। यदि ऐसे ही हत्या होती रही तो वहां पर कोई भी काम करने के लिए नहीं जाएगा। इसलिए भारत सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सेना को ऐसे आंतकियों का खात्मा करना चाहिए। मंसूर बदर ने सगीर के परिजनों को मुआवजा दिलाने की भी मांग की है।