धान खरीद के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था समाप्त

उत्तर प्रदेश शासन ने किसानों के हित में धान खरीद के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। सभी धान क्रय केंद्रों पर मानक के अनुसार धान लाने वाले पंजीकृत किसानों से विगत वर्ष की भांति धान क्रय किया जायेगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:37 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:37 PM (IST)
धान खरीद के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था समाप्त
धान खरीद के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था समाप्त

जेएनएन, सहारनपुर। उत्तर प्रदेश शासन ने किसानों के हित में धान खरीद के लिए आनलाइन टोकन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। सभी धान क्रय केंद्रों पर मानक के अनुसार धान लाने वाले पंजीकृत किसानों से विगत वर्ष की भांति धान क्रय किया जायेगा। जिला खाद्य विपणन अधिकारी संजीव कुमार राय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के हित में धान खरीद की ऑनलाइन टोकन व्यवस्था को समाप्त किया गया है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि धान क्रय के लिए पंजीकरण कराकर किसान सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान विक्रय कर सकते है। कहा कि धान क्रय केंद्रों पर खरीदा जाने वाले धान को मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत खरीदा जायेंगा। अनुसूचित जाति के बेरोजगारों के टेलरिग शॉप योजना में मांगे आमंत्रित

नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति के गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बेरोजगार युवक और युवती अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित टेलरिग शॉप योजना के माध्यम से स्वरोजगार से जुड़ सकते हैं। पारिवारिक लाभ योजना के अ‌र्न्तगत लाभ प्राप्त करने वाली महिलायें, कौशल विकास मिशन एवं उप्र आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित स्वंय सहायता समूह में से प्रशिक्षित अभ्यार्थियों को वरीयता दी जायगी।

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के जिला प्रबंधक कमलेश कुमार ने आज यहा यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्र में अनुसूचित जाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बेरोजगार युवक और युवतियों के लिए टेलरिग शॉप योजना का लाभ पाने के लिए जनपद का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।

शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करें : संयुक्त विकास आयुक्त

संयुक्त विकास आयुक्त सुनील कुमार श्रीवास्तव ने सभी मंडलीय एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जन सूचना अधिकार अधिनियम-2005 में प्राप्त सूचनाओं का निर्धारित समय अवधि के भीतर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिनियम की धारा 6(1ं) के प्रार्थना पत्रों पर प्रथम अपीलीय अधिकारियों के द्वारा निस्तारण न किये जाने पर राज्य सूचना आयोग में शिकायतों/ अपीलों में अप्रत्याशित एवं अनुचित वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी शिकायतों के निस्तारण को गम्भीरता से लेते हुए कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि राज्य सूचना आयोग ने प्रथम अपीलों के निस्तारण न किये जाने तथा आयोग के समक्ष जन सूचना अधिकारियों के उपस्थित न होने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि समय से सूचना उपलब्ध न कराने से आवेदकों का मानसिक, शारीरिक, आर्थिक उत्पीड़न व शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी जन सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत मांगी गई सूचना को अधिनियम के अंतर्गत सम्यक और समयबद्ध निर्वहन करते हुए सूचना उपलब्ध करायें।

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