महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

सहारनपुर जेएनएन। महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में गुरुवार की सुबह पांच बजे से जल चढ़ना श्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Mar 2021 10:40 PM (IST) Updated:Thu, 11 Mar 2021 10:40 PM (IST)
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

सहारनपुर, जेएनएन। महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में गुरुवार की सुबह पांच बजे से जल चढ़ना शुरू हो गया। श्रद्धालु शहर के दो प्रसिद्ध भूतेश्वर मंदिर और बागेश्वर महादेव मंदिर पर तीन बजे से ही लाइन में लग गए थे। मान्यता है कि इन मंदिरों पर जल चढ़ाने से हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है। जिले के सभी मंदिरों पर सुबह के चार बजे से ही पुलिस की व्यवस्था कर दी गई थी। बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंचे लोगों को जलाभिषेक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। हर मंदिर में मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों की तरफ से जलाभिषेक की बेहतर व्यवस्था की गई थी।

गुरुवार को धोबीघाट स्थित प्राचीन सिद्धपीठ श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने बताया कि सुबह तीन बजे से ही लोग जल चढ़ाने के लिए लाइन में लग गए थे, जबकि पांच बजे से जल चढ़ाने का योग था। तड़के पांच बजे से भूतेश्वर मंदिर में जल चढ़ना शुरू हुआ। शहर के हर मंदिर में विद्वान आचार्यों द्वारा रूद्रीपाठ किया गया। पूरे मंदिर परिसर में बिजली की आकर्षक सज्जा के साथ ही फूलों व गुब्बारों की सजावट की गई थी। हरिद्वार से जल लेकर आए कांवड़ियों ने जल चढ़ाया। भूतेश्वर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जगमोहन मंत्री आशु अग्रवाल ने बताया कि मंदिर परिसर में कोविड-19 नियमों का पालन भी कराया गया। इस मंदिर में सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी राजेश कुमार के अलावा अन्य अधिकारियों ने भी जल चढ़ाया। कोषाध्यक्ष अध्यक्ष आलोक अग्रवाल, मुकेश गोयल, वरुण गुप्ता, हेमंत मित्तल, मनीष सिघल, आमोद गोयल, शुभम आदि लोग मंदिर में व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। इन मंदिरों में हुआ जलाभिषेक

भूतेश्वर मंदिर और बागेश्वर महादेव मंदिर में सबसे अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। बागेश्वर मंदिर के कमेटी के प्रबंधक राजीव गोयल ने बताया कि यहां पर भी कोविड-19 के नियमों का पालन कराया गया। इसके अलावा शहर के रानी बाजार स्थित श्री पालालेश्वर महादेव मंदिर, धोलाकुआं मंदिर, संकीर्तन भवन मंदिर, रायवाला के गंगा मंदिर, मंडी समिति के लक्ष्मीनारायण मंदिर, घंटाघर स्थित हनुमान मंदिर, श्री पाठेश्वर महादेव मंदिर, गिल कालोनी स्थित नारायण मंदिर, आवास विकास स्थित हरि मंदिर, खलासी लाइन स्थित गोपाल मंदिर आदि में जलाभिषेक किया गया। चार प्रहर और चर्तुदर्शी में होगी पूजा

शहर के प्रसिद्ध पंडित आचार्य भारद्वाज ने बताया कि सुबह पांच बजे से ब्रह्म मुर्हुत में जल चढ़ना शुरू हो गया था। इसके बाद 9:24 बजे से शिव योग शुरू हो गया था। 9:25 पर सिद्धयोग शुरू हो गया था। उन्होंने बताया कि रात में चार प्रहर की पूजा की जाएगी। पहला प्रहर शाम के 4:27 से शुरू होकर 9:29 बजे तक रहेगा। दूसरा प्रहर 9:29 से रात के 12:31 तक रहेगा। तीसरे प्रहर का समय 12:31 से 3:32 तक रहेगा। चौथा प्रहर 12 मार्च की दोपहर 3:32 से शाम के 6:34 तक रहेगा। इसके अलावा गुरुवार से दो बजकर 40 मिनट से चर्तुदर्शी शुरू हो गई, जो 12 मार्च दोपहर तीन बजे तक रहेगी। उन्होंने बताया कि अधिकतर कांवड़िए चर्तुदर्शी पर ही जलाभिषेक करते हैं।

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सी-107 अखंड शिव जागरण का उद्घाटन

सरसावा :महाशिवरात्री पर्व पर नकुड़ रोड स्थित प्राचीन श्री बनखंडी महादेव मंदिर में आधी रात से ही का आना शुरू हो गया था। सुबह चार बजे से प्रारंभ हुआ जलाभिषेक देर शाम तक चला। पं अनिल कौशिक द्वारा हवन पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मुख्य अतिथि राजीव बत्रा, विशिष्ठ अतिथि चौ. हुकम सिंह एमडी, कृष्ण गोपाल गुम्बर रहे व दीप प्रज्जवलित रवि पुंडीर एडवोकेट तथा पवन कामबोज ने ध्वजारोहण किया। प्रदीप, सोनू पवार द्वारा अखंड शिव जागरण का उद्घाटन किया गया जो 25 घंटे लगातार चलेगा। इसके अलावा चीनी मिल सरसावा, शिव चौक, देवकी नंदन शिव मंदिर व देहात के शिवालयों में भी जलाभिषेक किया गया।

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