हे भगवान, भर्ती तो कर दिया, पता नहीं क्या होगा

हे भगवान कोरोना से पीड़ित अपने पिता को भर्ती तो कर दिया लेकिन पता नहीं क्या होगा। उपचार कैसा मिलेगा। कहीं कोई लापरवाही न हो जाए। पिता की हालत कैसी है। यह भी बताने वाला कोई नहीं है। मेडिकल कालेज के बाहर कुछ तीमारदार ऐसे ही अपने मरीज की चिता व्यक्त कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 11:13 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 11:13 PM (IST)
हे भगवान, भर्ती तो कर दिया, पता नहीं क्या होगा
हे भगवान, भर्ती तो कर दिया, पता नहीं क्या होगा

सहारनपुर, जेएनएन। हे भगवान, कोरोना से पीड़ित अपने पिता को भर्ती तो कर दिया, लेकिन पता नहीं क्या होगा। उपचार कैसा मिलेगा। कहीं कोई लापरवाही न हो जाए। पिता की हालत कैसी है। यह भी बताने वाला कोई नहीं है। मेडिकल कालेज के बाहर कुछ तीमारदार ऐसे ही अपने मरीज की चिता व्यक्त कर रहे हैं। तीमारदार को अंदर तो नहीं जाने दिया जा रहा है। हालात यह है कि उन्हें यह भी नहीं बताया जा रहा है कि मरीज का कैसा उपचार चल रहा है। अब उसकी तबीयत कैसी है।

मेडिकल कालेज पिलखनी में तीमारदारों का भी बेहद ख्याल रखा जा रहा है। जो भी यहां पर अपने मरीज को लेकर आ रहा है। उसे मरीज के साथ अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। यह सुरक्षा के लिहाज से किया जा रहा है, ताकि तीमारदार को बचाया जा सके। शनिवार को यहां पर आवास विकास निवासी बबलू कुमार अपने पिता को लेकर पहुंचे। उनके पिता की शनिवार को ही कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। इससे पहले उन्हें संदिग्ध मरीज की श्रेणी में रखकर जिला अस्पताल में आइसोलेशन किया गया था। अब पाजिटिव आ गए तो मेडिकल भेज दिया गया। बबलू कुमार ने दोपहर से लेकर शाम तक कई फोन कंट्रोल रूम में किए कि उनके पिता का हाल बता दिया जाए, लेकिन हर बार कहा जाता कि दो घंटे बाद पता चलेगा। इसी तरह से शामली के मोहल्ला रेलपार निवासी सुरेश अपनी पत्नी को लेकर मेडिकल कालेज में पहुंचे थे। उन्हें भी भर्ती तो कर लिया, लेकिन सुरेश को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। सुरेश के माथे पर भी चिता की लकीरें साफ दिख रही थी। शनिवार की देर शाम बबलू और सुरेश ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि उनके मरीज ठीक है। उन्हें मेडिकल कालेज प्रशासन ने यह जानकारी दी है।

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