बिक्री के लिए पशुओं को टेग अवश्य लगवाएं : डा. सुनील

स्थानीय राजकीय पशु चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार सभी पशुपालक अपने पशुओं को टैग अवश्य लगवाएं ताकि टेग लगे पशुओं को विक्रय करने में भी कोई दिक्कत न आए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 07:01 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 07:01 PM (IST)
बिक्री के लिए पशुओं को टेग अवश्य लगवाएं : डा. सुनील
बिक्री के लिए पशुओं को टेग अवश्य लगवाएं : डा. सुनील

सहारनपुर जेएनएन। स्थानीय राजकीय पशु चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार सभी पशुपालक अपने पशुओं को टैग अवश्य लगवाएं ताकि टेग लगे पशुओं को विक्रय करने में भी कोई दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि उन्हीं पशुपालकों को पशुओं के ऊपर सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं का लाभ मिल सकेगा जिनके पशुओं को टेग लगा हुआ होगा। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू की आशंका के चलते छिछरोली और मुश्कीपुर स्थित दो पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण किया गया। जहां पर किसी भी मुर्गी की मृत्यु नहीं पाई गई। पोल्ट्री फार्म संचालकों को साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना 15 जनवरी से फिर से शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के पशुपालक लाभार्थियों को 25 फीसद बीमा अनुदान धनराशि जमा करने पर 75 फीसद सब्सिडी दी जाती है। वहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लाभार्थियों को 10 फीसद जमा करना है उन्हें 90 फीसद सब्सिडी दी जाती है।

जर्जर एचटी लाइनों को हटाने की मांग

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला संयोजक राजीव नामदेव द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री को पत्र भेजा गया। इसमेगंगोह-देवबंद रोड़ पर आबादी से गुजर रही 11 हजार व 33 हजार वोल्ट की जर्जर विद्युत लाइन को अन्यत्र स्थानांतरित कराने की मांग की गई।

मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में व्यापारी नेता द्वारा कहा गया कि गंगोह-देवबंद रोड पर व्यापारियों के मकान व दुकानों के आगे से गुजर रही हाईटेंशन विद्युत लाइन जर्जर हालत में है। कई बार लाइनों में फाल्ट आने पर चिगारी निकलने से तार टूट जाते हैं। पूर्व में भी हादसे होने से आम जनता को नुकसान होने से बचा है। शिकायतकर्ता द्वारा मांग की गई कि इन लाइनों को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। वहीं, आबादी क्षेत्र में इन लाइनों के नीचे जाल की समुचित व्यवस्था की जाए।

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