मोहन लाल मेहंदीरत्ता बने मंदिर समिति के अध्यक्ष

गागलहेड़ी में प्राचीन शिव मंदिर प्रबन्ध समिति चुनाव में मोहन लाल मेहंदीरत्ता को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:46 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 10:46 PM (IST)
मोहन लाल मेहंदीरत्ता बने मंदिर समिति के अध्यक्ष
मोहन लाल मेहंदीरत्ता बने मंदिर समिति के अध्यक्ष

सहारनपुर, जेएनएन। गागलहेड़ी में प्राचीन शिव मंदिर प्रबन्ध समिति चुनाव में मोहन लाल मेहंदीरत्ता को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। समाजसेवी मोहन लाल मेहंदीरत्ता श्रीराम लीला समिति के भी अध्यक्ष हैं। समिति पदाधिकारियों व सदस्यों ने शुभकामनाएं देते हुए उनसे व्यवस्थाओं में सुधार की अपेक्षा की है। प्राचीन शिव मंदिर प्रबन्ध समिति के चुनाव में सर्वसम्मति से मोहन लाल मेहंदीरत्ता को अध्यक्ष चुना गया। महेंद्र धीमान महासचिव जबकि परमेश यादव व प्रमोद पाल कोषाध्यक्ष का कार्य भार संभालेंगे। अध्यक्ष व महासचिव बाकी पदाधिकारियों को चुनेंगे। मंदिर समिति के साथ साथ श्रीराम लीला समिति का अध्यक्ष पड़ सम्भाल रहे मोहन लाल मेहंदीरत्ता ने मंदिर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को प्राथमिकता बताया। निवर्तमान अध्यक्ष सतीश आढ़ती ने खराब सेहत का हवाला देते हुए उन्हें दायित्व से मुक्त करने का अनुरोध किया था।

महेंद्र धीमान, दीपकराज मित्तल, डा. घनश्याम, सोमपाल कश्यप, प्रमोद पाल, अश्वनी मित्तल, परमेश यादव, देवेंद्र यादव, सोमपाल कांबोज आदि मौजूद रहे।

शहीद ऊधमसिंह का 82 वां बलिदान दिवस मनाया

छुटमलपुर: कस्बे के गांव शेरपुर खानाजादपुर स्थित शहीद उधमसिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शनिवार को शहीद ऊधमसिंह का 82वां बलिदान दिवस मनाया गया है। इस दौरान उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया।

श्रद्धांजलि सभा में प्रधानाचार्य अमरपाल सिंह ने कहा कि शहीद ऊधमसिंह सच्चे राष्ट्रभक्त थे। अंग्रेजी हुकूमत द्वारा जलियांवाला बाग में निहत्थे भारतीयों को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतारने की घटना से वह इतने आहत हुए थे कि उन्होंने इस नरसंहार का बदला लेने की ठान ली और लंदन पहुंच गए, जहां उन्होंने भरी सभा में सरमाइकल ओडवायर को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। स्कूल प्रबंधक एवं जिला पंचायत सदस्य दुबेसिंह कांबोज ने कहा कि शहीद ऊधमसिंह के बलिदान को युगों युगों तक याद रखा जाएगा। अध्यक्षता प्रधान खड़कसिंह कांबोज ने और संचालन राकेश कांबोज ने किया।

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