मोबाइल टावर न होने से ग्रामीणों के मोबाइल बने शोपीस
खेड़ा अफगान क्षेत्र के कई गांव में एक भी मोबाइल टावर नहीं लगा होने से मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने पर ग्रामीण परेशान। कई बार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी नहीं हो पा रहा है समस्या का समाधान।
सहारनपुर, जेएनएन। खेड़ा अफगान क्षेत्र के कई गांव में एक भी मोबाइल टावर नहीं लगा होने से मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने पर ग्रामीण परेशान। कई बार अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी नहीं हो पा रहा है समस्या का समाधान।
नकुड़ ब्लाक के गांव धौराला, जाफरपुर रनियाली, भूरीबाँस सहित कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान है। इंटरनेट मीडिया के इस दौर में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में शासन की आनलाइन योजनाओं और सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं, 108 एंबुलेंस और 102 डायल की जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को नेटवर्क की तलाश में मकान की छतों पर भटकना पड़ता है। जिओ, ऐयरटेल, आइडिया, बीएसएनएल सहित अन्य किसी भी कम्पनी का टावर नहीं मिलने से उपभोक्ता परेशान हैं। दर्जनों गांवों के हजारों लोग मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने से परेशान है। ग्राम पंचायतों में भी नेट की सुविधा नहीं होने से आनलाइन योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित है। ग्रामीणों ने बताया कि दिन के समय अगर किसी को बात करनी हो तो छत पर जाना पड़ता है। रात के समय कोई इमरजेंसी होने पर नेटवर्क के इंतजार में भटकना पड़ता है।
ग्रामीण अकरम खान, अजमल, साजिद, सोनू, आलिम आदि का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाने में आती है। अगर ऐसे हालात रहे तो डिजीटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा। धौराला में ग्राहकों को बैंकिग सेवा केन्द्र चलाने वाले आलिम ने बताया कि गांव में कोई भी नेटवर्क नहीं होने से सभी बुरी तरह परेशान है। गांव में कभी नेटवर्क आ जाता है तो कभी बिल्कुल नेटवर्क नहीं मिलता है।