प्रबंधक ने पीटीए व वित्तविहीन चार अध्यापकों हटाया

जड़ौदापांडा में धन के अभाव के कारण एक इंटर कालेज के प्रबंधक ने पीटए व वित्तविहीन के चार अध्यापकों को इंटर कालेज से हटा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:22 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:22 PM (IST)
प्रबंधक ने पीटीए व वित्तविहीन चार अध्यापकों हटाया
प्रबंधक ने पीटीए व वित्तविहीन चार अध्यापकों हटाया

सहारनपुर,जेएनएन। जड़ौदापांडा में धन के अभाव के कारण एक इंटर कालेज के प्रबंधक ने पीटए व वित्तविहीन के चार अध्यापकों को इंटर कालेज से हटा दिया है। अध्यापक कालेज में पुन: लगने के लिए उच्चाधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।

थाना क्षेत्र के गांव मोरा स्थित किसान इंटर कालेज मोरा तिलफरा के प्रबंधक हरपाल फौजी ने बताया कि धन के अभाव के कारण चार पीटीए व वित्तविहीन चार शिक्षकों को कालेज से हटा दिया गया है। इन अध्यापकों को वेतन कालेज की ओर से ही दिया जाता है। धन क अभाव व आयोग से आए अध्यापकों को देखते हुए इन अध्यापकों को हटाया गया है। जैसे जैसे आयोग से अध्यापक आते रहेगे वैसे-वैसे पीटीए व वित्तविहीन शिक्षकों को हटा दिया जाएगा। उधर हटाए गए अध्यापक कालेज में पुन लगने के लिए उच्चधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।

शिक्षा मित्रों ने विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

गंगोह: क्षेत्र के अनेक शिक्षा मित्रों ने विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। मांग की है कि प्रदेश के शिक्षा मित्रों का भविष्य संरक्षित व सुरक्षित किया जाए।

उप्र प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के बैनर पर नौशाद अहमद, संजय शर्मा, धूम सिंह, अहसान, संजय कुमार, शराफत अली, नरेश, सतीश, शिव कुमार, राजेश कुमार, आज्ञा राम, मुकेश कुमार आदि शिक्षा मित्रों ने मुख्य मंत्री को संबोधित विधायक कीरत सिंह को दिए गए ज्ञापन में कहा कि वह 21 वर्ष से शिक्षण कार्य कर रहे हैं परन्तु आज तक उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। समायोजन निरस्त होने के बाद से लगभग चार हजार शिक्षा मित्र अवसाद में अपने प्राण गवां चुके है। लोक कल्याण संकल्प पत्र मे शिक्षा मित्रों की समस्या का समाधान सरकार बनने के तीन माह बाद करने का वायदा किया गया था। उप मुख्य मंत्री दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में 2 अगस्त 2018 को समस्याओं के निदान के लिए हाई पावर कमेटी का गठन भी किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट भी आज तक सार्वजनिक नहीं हुई। प्रदेश का शिक्षा मित्र निरंतर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इन लोगों ने हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट शीघ्र लागू करने की मांग की है।

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