अभियान को सफल बनाएगा मजबूत निगरानी तंत्र
दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान में जल संकट और जल स्त्रोतों की हालत को ध्यान में रखते हुए मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किए जाने की आवश्यकता है।
सहारनपुर, जेएनएन। दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान में जल संकट और जल स्त्रोतों की हालत को ध्यान में रखते हुए मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। यह अभियान पानी के विकेंद्रीकृत माडल पर आधारित है और इस पर अमल कर ही जल स्वराज लाया जा सकता है।
नगर निगम के सहयोग से दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान के अंतर्गत चकहरेटी के तालाब को दोबारा से जीवित करने का काम चल रहा है। पानी को साफ करने के लिए तालाब में जल गुलाब के पौधे छोड़े गए थे। ई-जल चौपाल के दौरान पर्यावरणविद् कृष्ण गोपाल व्यास का कहना था कि माइक्रो प्लानिग करनी चाहिए। प्लानिग का आधार पानी की मांग और उसकी पूर्ति होना चाहिए। प्रत्येक इकाई के लिए जल बजट बनाया जाना चाहिए। जल संकट के टिकाऊ हल के लिए सतही जल संरक्षण और भूजल रीचार्ज के लिए माइक्रो स्तर पर प्रयास करना चाहिए। छत के पानी को जमीन में उतारने के स्थान पर भूमिगत टैंक में जमा करना चाहिए। हाईराइज बिल्डिग में कार पार्किग की तर्ज पर विशाल टैंक में जल संचय करना चाहिए। नगरीय क्षेत्र में प्रत्येक पार्क की भूमि का 25 प्रतिशत हिस्सा रीचार्ज-सह-जल संचय के लिए अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि पानी की मांग और उसकी पूर्ति को ध्यान में रख, माइक्रो स्तर पर, बरसाती पानी को वांछित मात्रा में जमीन के ऊपर तथा जमीन के नीचे जमा करना चाहिए। बरसाती पानी के संरक्षण और रिचार्ज हेतु पानी की मांग और उसकी पूर्ति के आधार पर उपयुक्त संभावित संरचनाओं का निर्माण करना चाहिए। इसे अपनी रणनीति का आधार बनाकर ही हम सफल हो सकेंगे। नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने सहेज लो हर बूंद को गति देने के लिए तालाब और नदियों की सेवा को काम कर रहे पर्यावरणविद् कृष्ण गोपाल व्यास के सुझावों पर अमल करने का वादा किया है।