दस परिवारों में बनाए लीगल गार्जियन
कोरोना की दूसरी लहर ने जनपद में ऐसा कहर बरपाया कि उसकी कसक कई परिवारों को तमाम उम्र महसूस होती रहेगी।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर ने जनपद में ऐसा कहर बरपाया कि उसकी कसक कई परिवारों को तमाम उम्र महसूस होती रहेगी।
कोरोना में अपनों को खोने वाले दस ऐसे परिवार भी सामने आए हैं जिनमें अनाथ हुए बच्चों के साथ अब उनके मां-बाप नहीं रहे। ऐसे बच्चों में मौत तो किसी एक की ही हुई है परंतु किन्हीं कारणों से पति-पत्नी में विवाद के कारण मां या बाप पहले ही इनसे अलग हो गए थे और कोरोना ने इनसे आखिरी सहारा भी छिन लिया है। अब ऐसे दस बच्चे या तो अपने दादा-दादी या चाचा-चाची के साथ रह रहे हैं।
सरकार द्वारा कराए गए सोशल सिक्योरिटी आडिट में दस बच्चे ऐसे सामने आए हैं, जो पूरी तरह अनाथ हो गए हैं। इन परिवारों के बच्चे अपने-दादी या चाचा-चाची के साथ रह रहे हैं। इनमें कई परिवारों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। इनमें किसी बच्चे की मां पहले ही घर छोड़कर जा चुकी है तो किसी बच्चे के पिता ने दूसरी शादी कर ली है। इनमें किसी की मां तो किसी का बाप मरने के कारण ये पूरी तरह अनाथ हो गए हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि सोशल सिक्योरिटी आडिट में सामने आए ऐसे दस परिवारों के बच्चों के लिए लीगल गार्जियन बनाए गए हैं। ये लीगल गार्जियन इनके ही परिवारों के सदस्य हैं और ये सभी बच्चे इनके पास रह रहे हैं। इनमें जो बच्चे सरकार की मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंर्तगत नहीं आ पाए उनके लिए अन्य योजना से लाभांवित किया जाएगा।