बुआ पाजिटिव हुई तो भतीजे ने की देखभाल
जिस परिवार का व्यक्ति कोरोना पाजिटिव हो जाता है उस परिवार के उस सदस्य के लिए खुद को बचाना चुनौती होता है जिसे पाजिटिव व्यक्ति की देखभाल करनी होती है।
सहारनपुर, जेएनएन। जिस परिवार का व्यक्ति कोरोना पाजिटिव हो जाता है उस परिवार के उस सदस्य के लिए खुद को बचाना चुनौती होता है, जिसे पाजिटिव व्यक्ति की देखभाल करनी होती है। हालांकि जिले के लोग बड़ी समझदारी के साथ अपने पाजिटिव परिवार के सदस्यों की देखभाल कर रहे हैं। ऐसे ही हकीकत नगर निवासी एक युवक ने अपनी बुआ की देखभाल की और खुद को भी संक्रमण से बचाकर रखा।
हकीकत नगर निवासी दीपक कुमार ने बताया कि उनकी बुआ कोमल काफी समय से उनके पास ही रह रही है। करीब 22 दिन पहले बुआ की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आ गई, जिसके बाद दीपक कुमार ने बुआ को अस्पताल में भर्ती कराने से इन्कार कर दिया। वह होम आइसोलेशन हो गई। दीपक ने बताया कि बुआ का कमरा अलग कर दिया गया। जब वह बुआ के कमरे में दवाई खाना लेकर जाता था तो हाथों में ग्लब्स पहनता था। चेहरे पर मास्क लगाता था। कमरे से बाहर आने के बाद वह साबुन से हाथ धोता था। जब तक दीपक ने बुआ की देखभाल की तब तक उसने अपने परिवार के किसी भी सदस्य को टच नहीं किया। करीब 14 दिन के बाद बुआ की रिपोर्ट निगेटिव आ गई तो दीपक ने भी अपना टेस्ट कराया। दीपक की भी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। अब बुआ भी पूरी तरह से ठीक है।
युवक का शव मिला
नानौता : क्षेत्र के एक गांव में घर के समीप स्थित खेत में लगभग 28 वर्षीय युवक का संदिग्ध अवस्था में शव पड़ा मिलने से स्वजनों में कोहराम मच गया। स्वजनों ने बिना किसी कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बताया जाता है कि गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे युवक घर के निकट स्थित खेत में पेड़ के समीप पड़े होने की सूचना पर आनन-फानन में स्वजन उसे अस्पताल ले गए, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।