बड़े नेताओं की आशाओं पर फिरा पानी
पंचायती चुनाव में ग्राम पंचायतों की आरक्षण लिस्ट जारी होते ही इसकी तैयारियों में लगे चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के चेहरों पर कहीं खुशी तो कहीं गम की परछाई नजर आई।
सहारनपुर जेएनएन। पंचायती चुनाव में ग्राम पंचायतों की आरक्षण लिस्ट जारी होते ही इसकी तैयारियों में लगे चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों के चेहरों पर कहीं खुशी तो कहीं गम की परछाई नजर आई।
क्षेत्र में ग्राम प्रधान चुनाव के लिए सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले गांव सालियर और मनोहरा के चुनावों पर सभी की निगाहें रहती हैं। इन दोनों गांव का चुनाव दिग्गजों की सरपरस्ती में होता है, लेकिन प्रशासन ने इस बार दोनों पंचायतों को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करके बड़े नेताओं की आशाओं पर पानी फेर दिया। इसी प्रकार मोहम्मदपुर गुर्जर और डूभर किशनपुरा भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित घोषित किए गए। यहां पर भी अपनी दावेदारी रख रहे अन्य वर्ग के लोगों में खलबली मच गई है।
तीतरों देहात का चुनाव भी प्रतिष्ठा पूर्ण रहता है मगर इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए यहां की सीट रिजर्व होने के चलते सामान्य वर्ग के नेताओं में परेशानी है। इसके अलावा गांव बरसी व तबर्कपुर महिला के लिए रिजर्व घोषित होने पर यहां चुनाव की तैयारियों में लगे नेताओं को दोबारा अपनी रणनीति पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि गांव पूजना, भावसा, झाड़वन, रादौर, खंडलाना आदि ग्राम पंचायतें अनारक्षित घोषित होने के चलते सभी वर्ग के लोगों ने अपने लिए रास्ता खुला होना मानकर राहत की सांस ली। उधर अपनी आशाओं पर पानी फिरता देख नाम न छापने की शर्त पर कई नेताओं ने कहा कि प्रशासन की इस आरक्षण नीति पर वह अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे, उसके बाद भी अगर कोई रास्ता नहीं निकलता तो वे अपनी आगामी योजना बनाएंगे।