हाईवे के निर्माण से हादसों में आई कमी
सड़क हादसों को रोकने के लिए शासन व प्रशासन दोनों ही गंभीर हैं। यही कारण है कि यातायात पुलिस और परिवहन विभाग गंभीर होकर इस पर कार्य कर रहा है। इसके लिए अब इन विभागों को शासन की ओर से संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं। हादसों को रोकने की दिशा में हाईवे का निर्माण भी काफी सहायक साबित हो रहा है।
सहारनपुर, जेएनएन। सड़क हादसों को रोकने के लिए शासन व प्रशासन दोनों ही गंभीर हैं। यही कारण है कि यातायात पुलिस और परिवहन विभाग गंभीर होकर इस पर कार्य कर रहा है। इसके लिए अब इन विभागों को शासन की ओर से संसाधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं। हादसों को रोकने की दिशा में हाईवे का निर्माण भी काफी सहायक साबित हो रहा है।
हादसों के लिए सड़कों की स्थिति खराब होना भी एक अहम कारण है। मगर जनपद में पहले गागलहेड़ी से मुजफ्फरनगर और सहारनपुर बाईपास का निर्माण हो जाने से इन दोनों ही मार्गों पर हादसों की संख्या भी कम हो गई है। देवबंद हाईवे के निर्माण के चलते इस रोड पर होने वाले हादसों में कमी आई है। इसके चलते नागल एवं देवबंद में बनाए गए ब्लैक स्पाट भी समाप्त कर दिये गए। इसी तरह सहारनपुर हाईवे के निर्माण से हैवी ट्रैफिक उस पर चले जाने से सहारनपुर अंबाला मार्ग पर भी हादसों में कमी आई है। हालांकि सरसावा सहारनपुर मार्ग की सड़क में अभी भी कुछ स्थानों पर गड्ढे हैं। मगर हाईवे के चालू हो जाने से इस मार्ग पर लगने वाले जाम और दुर्घटनाओं से जनता को निजात मिली है।
सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग व यातायात पुलिस का असर भी अब कुछ नजर आने लगा है। दोनों विभागों की सख्ती व प्रयासों से ही सड़कों पर होने वाले हादसों में न केवल कमी आई है। जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाने के बाद लोग हेलमेट और सीट बेल्ट भी लगाने लगे हैं।
एसपी ट्रैफिक का कहना है
एसपी ट्रैफिक प्रेमचंद का कहना है कि शासन द्वारा विभाग को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जनपद में यातायात पुलिस के हिसाब से उनके पास पर्याप्त संशाधन उपलब्ध है और नयों की खरीदारी की जा रही है। नगर निगम के सहयोग से शहर में पार्किंग स्थल बनाने के प्रयास स्मार्ट सिटी योजना में किये जा रहे हैं।
एआरटीओ का कहना है
एआरटीओ प्रवर्तन आरपी मिश्रा का कहना है कि पिछले दो तीन वर्षों में हादसों को रोकने के लिए रोड सेफ्टी पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है और उसका असर नजर भी आ रहा है। डीएल आदि बनाने का सभी काम आनलाइन हो रहा है। विभाग को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लगातार पत्राचार किया जाता है, शासन की ओर से उस पर ध्यान दिया जा रहा है। जिस तेजी वाहनों की संख्या बढ़ रही हैं उसके हिसाब से सिपाही व स्टाफ की मांग की जा रही है।