कोरोना से अधिक जानलेवा साबित हो रहा तेज बुखार

बड़गांव कस्बे में तेज बुखार कोरोना से भी अधिक जानलेवा साबित हो रहा है। पिछले आठ दिन में दस से ज्यादा लोगों की जिदगी जानलेवा बुखार लील चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 06:54 PM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 06:54 PM (IST)
कोरोना से अधिक जानलेवा साबित हो रहा तेज बुखार
कोरोना से अधिक जानलेवा साबित हो रहा तेज बुखार

सहारनपुर, जेएनएन। बड़गांव कस्बे में तेज बुखार कोरोना से भी अधिक जानलेवा साबित हो रहा है। पिछले आठ दिन में दस से ज्यादा लोगों की जिदगी जानलेवा बुखार लील चुका है। बड़ी संख्या में लोग तेज बुखार से जूझ रहे हैं। बड़गांव क्षेत्र में शायद ही कोई गांव बचा होगा, जहां बुखार से पीड़ित मरीज नहीं हो। दल्हेड़ी, बड़गांव, महेशपुर, अंबेहटा चांद, बड़ूली खुदाबक्शपुर, शिमलाना, सिसौनी, चिराऊ मिर्जापुर आदि कई गांवों में बुखार से ग्रामीण दहशत में हैं। अकेले बड़गांव में ही पिछले आठ दिन में दस से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग नींद में है।

तेज बुखार की वजह से ज्यादातर मरीजों की तीन से चार दिन में ही मौत हो रही है। मरने वालों के परिजनों के साथ ग्रामीण भी इस बुखार के तेजी से जानलेवा होने का कारण समझ नहीं पा रहे हैं। पहले इसे सामान्य बुखार समझकर खुद ही इलाज करा रहे हैं। जब तक चिकित्सक के पास मरीज को ले जाया जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। बुखार के लक्षण भी जांच में अधिकतर टाइफाइड जैसे ही नजर आते हैं। बड़गांव निवासी सुखपाल सिंह, ऋषिपाल सिंह, श्यामसिंह आदि ने बताया कि पिछले उनके गांव में प्रेम सिंह को बुखार के कारण मुजफ्फरनगर दिखाया, जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई।

भुरू मिस्त्री को भी बुखार आया था, जिसका सहारनपुर के बाद यमुनानगर में इलाज कराया, जहां मंगलवार सुबह उसकी भी मौत हो गई। बता दें कि भुरू को वैक्सीन की पहली डोज भी दी जा चुकी थी। सुक्कड़, सतपाल, पूर्व प्रधान चंदू प्रजापत और दो महिलाओं सहित करीब आठ मौत हो चुकी हैं। तीन मौत तो आज एक ही दिन मंगलवार को हुई हैं। इस समय आसपास के गांवों में ज्यादातर मरीजों को तेज बुखार, शरीर में कमजोरी, ठंड लगना, खांसी, बेचैनी, सिरदर्द, पेट दर्द आदि लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कोरोना के चलते सरकारी अस्पतालों में फिलहाल ओपीडी बंद है, जिससे झोलाझाप चिकित्सक खूब चांदी कूट रहे हैं।

ऐसे में ज्यादातर ग्रामीण महंगे इलाज की वजह से झोलाझाप चिकित्सकों से दवा ले रहे हैं। ज्यादातर मामलों में कोरोना जांच भी नहीं कराई गई।

इन्होंने कहा..

अभी तक हमें बुखार से मरने वालों की कोई जानकारी नहीं मिली है। फिर भी हम क्षेत्र में टीम भेजकर इसकी जांच कराएंगे:

डा. विक्रम सिंह पुंडीर, डिप्टी सीएमओ

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