खतरनाक है हेपेटाइटिस बीमारी, साफ-सफाई ही है बचाव
आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाएगा। संसार के ही नहीं भारत के हर डाक्टर हेपेटाइटिस के बारे में इस दिन लोगों को जागरूक करते हैं। शहर के कई डाक्टर ऐसे हैं जो कोरोना काल में भी पिछले दो सालों से लोगों को इंटरनेट के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करते हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाएगा। संसार के ही नहीं, भारत के हर डाक्टर हेपेटाइटिस के बारे में इस दिन लोगों को जागरूक करते हैं। शहर के कई डाक्टर ऐसे हैं, जो कोरोना काल में भी पिछले दो सालों से लोगों को इंटरनेट के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करते हैं। ऐसे ही डा. संजीव मिगलानी भी हैं। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसे लोग हल्के में ले लेते हैं जबकि इस बीमारी के कारण भारत में हर वर्ष लगभग 32 लाख लोगों की मौत होती है। वर्तमान में भी हेपेटाइटिस बीमारी से भारत में चार करोड़ लोग प्रभावित हैं।
डा. संजीव मिगलानी ने बताया कि हेपेटाइटिस ए,बी,सी,डी वायरस से पैदा होती है। भारत में अधिकतर बी और सी वायरल के लोग बीमार होते हैं। यह वायरस सबसे खतरनाक होते हैं, जबकि लोग इस बीमारी को हल्के में ले लेते हैं। शुरुआती दौर में इस बीमारी के लक्षणों के बारे में लोग नहीं जान पाते हैं। वह हल्की बीमारी होने के कारण किसी मामूली डाक्टर से दवाई ले लेते हैं, जिस कारण यह बीमारी बढ़ जाती है। आगे चलकर बीमारी को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। डा. संजीव मिगलानी का कहना है कि इस बीमारी से बचना है कि तो अपने आसपास सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। वहीं, खाने की चीजों में भी साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। उन्होंने बताया कि अधिकतर लोग इस बीमारी से गांव देहात में शिकार होते हैं। उन्हें जानकारी कम होती है।
यह हैं इस बीमारी के लक्षण
- लंबे समय तक बुखार आना।
- त्वचा और आंखों में पीलापन होना।
- पेशाब का पीला आना।
- थोड़ा काम करने के दौरान थकान होना।
- समय पर भूख नहीं लगना।
- जी कच्चा होना, उल्टी होना, वजन कम होना।
- पेट व जोड़ो में दर्द का होना।
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यह हैं बचाव के तरीके
- हाथ साफ करने के बाद ही खाना खाएं।
- दूषित पानी व भोजन बिलकुल ना लें।
- इस्तेमाल सुई का प्रयोग कभी न करें।
- हेपेटाइटिस का इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिए।
- असुरक्षित यौन संबंध से बचना जरूरी है।