ज्वैलरी पर हालमार्किंग, कारोबारी-ग्राहक दोनों का हित

सोने के आइटम पर हालमार्किंग अनिवार्य लागू करने से ग्राहकों को सोने की शुद्धता की गारंटी मिल सकेगी। वहीं कारोबारी भी अच्छे कामकाज के लिए इसे बेहतर मानते हैं। जिले में 35 कारोबारियों के पास ही हाल मार्किंग लाइसेंस है। यहां पिछले तीन वर्षों से एक हालमार्किंग सेंटर काम कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:15 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:15 PM (IST)
ज्वैलरी पर हालमार्किंग, कारोबारी-ग्राहक दोनों का हित
ज्वैलरी पर हालमार्किंग, कारोबारी-ग्राहक दोनों का हित

सहारनपुर, जेएनएन। सोने के आइटम पर हालमार्किंग अनिवार्य लागू करने से ग्राहकों को सोने की शुद्धता की गारंटी मिल सकेगी। वहीं कारोबारी भी अच्छे कामकाज के लिए इसे बेहतर मानते हैं। जिले में 35 कारोबारियों के पास ही हाल मार्किंग लाइसेंस है। यहां पिछले तीन वर्षों से एक हालमार्किंग सेंटर काम कर रहा है।

सोने की ज्वैलरी के आइटमों पर शुद्धता की गारंटी को लेकर नियम तो बने थे लेकिन उनका क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पा रहा था। परंपरागत कारोबारी नई व्यवस्था को अपनाने में थोड़ी हिचकिचाहट महसूस करते रहे थे। बाजार में कई नामी कंपनियों के शोरूम पर सोने की शुद्धता की गारंटी यानि हालमार्किंग होने से ग्राहकों का रुझान उस ओर थोड़ा बढ़ा और सराफा बाजार में भी एक के बाद एक कई कारोबारियों ने इसके लिए लाइसेंस लिए। महानगर में सराफा की करीब 500 दुकानें तथा जिले भर में इनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है। जिले में अभी तक केवल 35 कारोबारियों के पास ही हालमार्किंग के लाइसेंस हैं। ज्यादातर कारोबार अभी तक बिना हालमार्किंग से ही चल रहा था। दरअसल परंपरागत दुकानों की साख पर ग्राहकों की कई-कई पीढि़यों का विश्वास बना है ओर ऐसे में ज्यादातर ग्राहक उन्हीं दुकानों से लेनदेन भी करते रहे हैं। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 14 कैरेट, 18 कैरेट, 22 कैरेट ज्वैलरी पर हालमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है।

इनका कहना है

हालमार्किंग से कारोबारियों को कोई परहेज नहीं है। यह ग्राहक के भी हित में है। यहां हाल मार्किंग सेंटर जिले में केवल एक है, जिसकी संख्या बढ़ाकर कम से कम तीन की जानी चाहिए। एचयूआईडी यानि यूनिकोड हालमार्क को लेकर कारोबारियों को एतराज है, इसे सरल करने के कदम उठाए जाने चाहिए ताकि कारोबारी केवल बिलिग व्यवस्था में ही न उलझे रह।

-संजीव कुमार जैन, अध्यक्ष सराफा पंचायत। कारोबारी पहले से ही हालमार्किंग सामान बेच रहे हैं। अब अनिवार्य किए जाने से सभी कारोबारी इसे अपनाएंगे। यह ग्राहक और कारोबारी दोनों के हित में है। ग्राहक भी अब हालमार्किंग आइटमों की मांग करने लगे है जो एक अच्छी बात है।

-राम राजीव सिघल, सराफा कारोबारी।

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