पुष्टाहार से कोरोना को हराने के लिए मैदान में उतरीं वीरांगनाएं

कोरोना काल में एक बार फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मैदान में हैं। गर्भवती महिलाओं तथा जचा-बचा को पुष्टाहार वितरण में कोई कमी न रह जाए इसके लिए कोरोना काल में भी यह पुष्टाहार की सौगात लेकर हर घर पहुंचेंगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:47 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:47 PM (IST)
पुष्टाहार से कोरोना को हराने के लिए मैदान में उतरीं वीरांगनाएं
पुष्टाहार से कोरोना को हराने के लिए मैदान में उतरीं वीरांगनाएं

सहारनपुर जेएनएन। कोरोना काल में एक बार फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मैदान में हैं। गर्भवती महिलाओं तथा जच्चा-बच्चा को पुष्टाहार वितरण में कोई कमी न रह जाए, इसके लिए कोरोना काल में भी यह पुष्टाहार की सौगात लेकर हर घर पहुंचेंगी। स्वयं सहायता समूहों द्वारा पैकेट बनाए जाएंगे, जिन्हें कार्यकत्रियों द्वारा लाभार्थियों के घर-घर जाकर पहुंचाया जाएगा।

जनपद में 3410 आंगनबाड़ी केंद्रों पर शासन के निर्देशों के क्रम में दाल, चावल, गेहूं और तेल जनवरी माह का प्राप्त हो गया है। शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि कोविड नियमों का पालन करते हुए स्वयं सहायता समूह लाभार्थी के अनुसार पैकेट बनाकर कार्यकर्ता को देंगे और यह घर-घर जाकर लाभार्थियों को अनुपूरक पोषाहार गेहूं, चावल, दाल और तेल उपलब्ध कराएंगे। शासन के निर्देशों के क्रम में मार्च माह का गेहूं, दाल और तेल का वितरण किया जाना है और जनवरी माह का चावल गेहूं, दाल और तेल का वितरण शासन के निर्देशों के क्रम में किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने कहा कि मानक के अनुसार जिन लाभार्थियों के पास आधार नंबर है या राशन कार्ड में उनका नाम अंकित है, उसी को राशन दिए जाने का निर्देश शासनादेश में दिया गया है और उसकी छाया प्रति आंगबाड़ी केंद्र पर संभाल कर रखेगी। इससे वितरित किए गए खाद्यान्न का मिलान भी किया जा सके कि जिस लाभार्थी को खाद्यान्न दिया गया है, वह वास्तव में उसका हकदार था या नहीं। मानक विचलन प्रक्रिया के अंतर्गत शासन का निर्देश है कि बिना आधार कार्ड से आच्छादित लाभार्थियों को पोषाहार किसी भी दशा में न दिया जाए। परियोजना कार्यालय में प्राप्त दाल और तेल का वितरण स्वयं सहायता समूह को कराया जा रहा है और यह निर्देशित कर दिया गया है कि तत्काल गेहूं चावल कोटेदार से प्राप्त कर लाभार्थीवार पैकेट बनाकर तत्काल वितरित करना सुनिश्चित करें। कोरोना काल में पिछले साल भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर पुष्टाहार वितरित किया था। संकट की घड़ी में वह एक बार फिर घर-घर जाने को तैयार हैं।

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