धर्म की स्थापना को अवतार लेते हैं भगवान: स्वामी कालेंद्रानंद

महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्री भगवान परशुराम जयंती एवं अक्षय तृतीया पूजा की गई। इस मौके पर लोगों से आह्वान किया गया कि सभी को भले कार्य करने चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 11:23 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 11:23 PM (IST)
धर्म की स्थापना को अवतार लेते हैं भगवान: स्वामी कालेंद्रानंद
धर्म की स्थापना को अवतार लेते हैं भगवान: स्वामी कालेंद्रानंद

सहारनपुर, जेएनएन। महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्री भगवान परशुराम जयंती एवं अक्षय तृतीया पूजा की गई। इस मौके पर लोगों से आह्वान किया गया कि सभी को भले कार्य करने चाहिए। धर्म के मार्ग पर सदैव चलना चाहिए। इस मौके पर स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना हेतु भगवान अवतार लेते हैं।

शुक्रवार को राधा विहार स्थित मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में भगवान परशुराम जयंती एवं अक्षय तृतीया पूजा पर आयोजन किया गया। विधि-विधान से मंत्रोच्चारण कर भगवान परशुराम की मूर्ति की पंचामृत से पूजा की गई। अक्षय तृतीया के मंगल कलश की पूजा कर विश्व कल्याण की कामना करते हुए कोरोना से मुक्ति हेतु प्रार्थना की गई। भगवान परशुराम एवं अक्षय तृतीया के पुण्य मंगल कलश को भोग अर्पण कर आरती की। अक्षय अमृत कलश को रोप कर भक्तों ने आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है तो भगवान, पाप का नाश करने हेतु एवं धर्म की पुनस्र्थापना हेतु अवतार लेते हैं। पापियों का नाश कर भगवान परशुराम संसार में धर्म की पुनस्र्थापना को अवतरित हुए थे। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया में की गई पूजा-पाठ, दान-धर्म एवं सेवा का पुण्य कभी अक्षय नहीं होता और यह तिथि अति पवित्र पुण्यदाई एवं शुभ मानी जाती है। इस अवसर पर आचार्य अजीत शर्मा, पंडित नीरज मिश्रा, पंडित ऋषभ शर्मा, पंडित मयंक शर्मा, पंडित वासुदेव वत्स, नरेश चंदेल आदि मौजूद रहे।

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