सर्द हवाओं से दिन भर बढ़ा ठंड का कहर

तापमान में एक बार फिर गिरावट का दौर जारी है। वहीं उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने शीतलहर का प्रकोप एक बार फिर बढ़ा दिया। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। मौसम के जानकारों का मानना है कि अगले दो दिनों में कहीं-कहीं बादलचाल व गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के रूप में देखने को मिल सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 10:33 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 10:33 PM (IST)
सर्द हवाओं से दिन भर बढ़ा ठंड का कहर
सर्द हवाओं से दिन भर बढ़ा ठंड का कहर

सहारनपुर जेएनएन। तापमान में एक बार फिर गिरावट का दौर जारी है। वहीं उत्तर-पश्चिमी हवाओं ने शीतलहर का प्रकोप एक बार फिर बढ़ा दिया। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। मौसम के जानकारों का मानना है कि अगले दो दिनों में कहीं-कहीं बादलचाल व गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी के रूप में देखने को मिल सकती है।

19 जनवरी को तापमान 24.2 डिग्री तक उछल गया था, जिसमें शुक्रवार तक गिरावट दर्ज की गई। मुजफ्फराबाद स्थित राजकीय मौसम वेधशाला प्रभारी उमेश कुमार के मुताबिक इस बीच न्यूनतम तापमान में खास परिवर्तन नहीं हुआ लेकिन अधिकतम तापमान ने गच्चा खाया। शुक्रवार को न्यूनतम स्तर पर तापमान छह डिग्री, वहीं अधिकतम तापमान 15.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके साथ ही चली तेज उत्तर- पश्चिमी हवाओं ने फिर शीतलहर की रफ्तार बढ़ा दी। कोहरे ने रंग जमाया और लोग अलाव का सहारा लेते नजर आए। उधर, दिन में खिली हल्की धूप भी बर्फीली हवा के चलते ठंड से राहत नहीं दे सकी। शाम होते ही ठंड के कहर ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया।

मुजफ्फराबाद: मौसम के अगले रुख की बाबत मौसम विज्ञानी डा. उदय प्रताप शाही का कहना है कि मौसम बदलने के आसार बने हुए हैं, जिसके चलते बादलचाल की स्थिति बन सकती है। गरजचमक के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी के आसार हैं। उधर, कृषि वैज्ञानिक डा. इंद्र कुमार कुशवाहा का कहना है कि अभी ठंड का बने रहना रबी फसलों के लिए मुफीद है, लेकिन यदि तापमान कई दिन 24 डिग्री से ऊपर जाता है तो वह उत्पादन प्रभावित कर सकता है ऐसे में आम में भी बौर जल्दी फूटने की समस्या आ सकती है जबकि बादलचाल के बीच बूंदाबांदी से आलू में झुलसा का प्रकोप देखने को मिल सकता है, जिसके लिए स्प्रे करना चाहिए।

गंगोह: कड़ाके की ठंड व कोहरे से हर कोई परेशान दिखा। कोहरा 12 बजे के बाद ही साफ हो सका। फिर हवाओं ने सितम ढहाया, जिससे धूप भी बेदम सी रही, इससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। ठंड से बचने को लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।

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