कोरोना से नहीं मिली राहत क्षेत्र में बुखार ने पसारे पैर

कोरोना महामारी से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। साथ ही क्षेत्र में जानलेवा बुखार भी पैर पसार रहा है। ऐसे में अगर सीएचसी व पीएचसी में डाक्टरों का टोटा हो तो मरीजों के लिए समस्या और बढ़ जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 06:59 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:59 PM (IST)
कोरोना से नहीं मिली राहत क्षेत्र में बुखार ने पसारे पैर
कोरोना से नहीं मिली राहत क्षेत्र में बुखार ने पसारे पैर

सहारनपुर जेएनएन। कोरोना महामारी से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। साथ ही क्षेत्र में जानलेवा बुखार भी पैर पसार रहा है। ऐसे में अगर सीएचसी व पीएचसी में डाक्टरों का टोटा हो तो मरीजों के लिए समस्या और बढ़ जाती है।

नकुड़ सीएचसी में विभिन्न बीमारियों से पीड़ित औसतन 700 सौ मरीज प्रतिदिन आते हैं। सभी मरीजों को देखने के लिए सीएचसी में चार डाक्टरों के सापेक्ष सीएचसी प्रभारी ही एक मात्र एमबीबीएस डाक्टर है। हैरत की बात तो यह है कि यहां कोई महिला डाक्टर भी नहीं है। महिलाओं की डिलीवरी आदि का कार्य अस्पताल में स्टाफ नर्स ही देखती रही है। क्षेत्र में मलेरिया, डेंगू, टायफाइड आदि बीमारियों के सीजन में डाक्टरों की कमी के चलते स्टाफ के साथ साथ मरीजों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही हाल क्षेत्र की सभी पीएचसी का है। जहां किसी भी एमबीबीएस डाक्टर की नियुक्ति नहीं है। सीएचसी प्रभारी डा. अमन गोपाल ने बताया कि सीएचसी क्षेत्र में सात एमबीबीएस डाक्टरों की पोस्ट खाली है। कम स्टाफ के चलते मरीजों को देखने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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