पिता-पुत्र गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल
अर्जुन अवार्डी काव्यधारा शीर्षक वाले अंतर्राष्ट्रीय संकलन में सहारनपुर के साहित्यकार डा. विजेंद्र पाल शर्मा व उनके पुत्र डा. अनुज कुमार शर्मा ने गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है।
सहारनपुर, जेएनएन। अर्जुन अवार्डी काव्यधारा शीर्षक वाले अंतर्राष्ट्रीय संकलन में सहारनपुर के साहित्यकार डा. विजेंद्र पाल शर्मा व उनके पुत्र डा. अनुज कुमार शर्मा ने गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है।
केंद्रीय हिदी निदेशालय की विशेषज्ञ डा. विदुषी शर्मा द्वारा संपादित देश के 133 अर्जुन अवार्ड विजेता खिलाड़ियों के जीवन पर लिखी कविताओं के संकलन में स्थान पाकर जिले के डा. विजेंद्र पाल शर्मा व डा. अनुज कुमार शर्मा ने गौरव बढ़ाया है। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय संकलन में डा. विजेंद्र पाल शर्मा ने एथलेटिक्स खिलाड़ी सुधा सिंह तथा डा. अनुज कुमार शर्मा ने हाकी खिलाड़ी दीपिका ठाकुर के जीवन पर कविता लिखी है। इस उपलब्धि पर दोनों रचनाकारों को अनेक साहित्य साधकों ने बधाई दी है।
फसल अवशेष जलाने से रोकने को अनुश्रवण सेल का गठन
सहारनपुर: जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने खरीफ मौसम मे फसल अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न प्रदूषण की रोकथाम के लिए जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में अनुश्रवण सेल का गठन किया है। उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रत्येक दिन खरीफ मौसम में फसल अवशेषों के संबंध में अनुश्रवण कर आवश्यक निर्देश/निर्णय लेकर समुचित प्रभावी कार्यवाही करें।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने बताया कि जिला स्तर पर गठित अनुश्रवण सेल में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक, (नगर) सदस्य, जिला विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायतीराज अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी तथा क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी सदस्य, जिला कृषि अधिकारी सदस्य/सचिव नामित किये गये है। जिलाधिकारी ने बताया कि गठित सेल धान एवं गन्ना कटने के समय से लेकर रबी में गेहूं की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं एवं इसकी रोकथाम के लिये की गयी कार्रवाई की समीक्षा करते हुए प्रत्येक कार्यदिवस की रिपोर्ट प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं प्रमुख सचिव, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्तुत करेंगे। कृषि विभाग एवं गन्ना विभाग के न्याय पंचायत एवं विकास खण्ड स्तरीय कर्मचारी द्वारा फसल अवशेष को जलाने की रोकथाम तथा इसके दुष्परिणामों के संबंध में कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।