तीनों कृषि कानून खारिज किये जाने का किसानों ने किया स्वागत

केंद्र सरकार द्वारा संसद सत्र के पहले ही दिन भारी हंगामे के बीच लोकसभा में पारित कृषि कानूनों को खारिज किए जाने का किसानों ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि अपने किसान हितैषी होने का दावा साबित करने के लिए सरकार जल्द से जल्द एमएसपी पर कानून बनाए और अन्य मांगों पर भी जल्द विचार करे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:56 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:56 PM (IST)
तीनों कृषि कानून खारिज किये जाने का किसानों ने किया स्वागत
तीनों कृषि कानून खारिज किये जाने का किसानों ने किया स्वागत

सहारनपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा संसद सत्र के पहले ही दिन भारी हंगामे के बीच लोकसभा में पारित कृषि कानूनों को खारिज किए जाने का किसानों ने स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि अपने किसान हितैषी होने का दावा साबित करने के लिए सरकार जल्द से जल्द एमएसपी पर कानून बनाए और अन्य मांगों पर भी जल्द विचार करे।

संसद सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को खारिज किये जाने पर भारतीय किसान संघ गन्ना के प्रदेश अध्यक्ष श्यामबीर सिंह त्यागी ने कहा कि सरकार ने किसानों की मांग के अनुरूप तीनों कानूनों को रद कर अच्छा काम किया है। सरकार को चाहिए कि अब वह किसान हित में जो भी काम करे, उससे पहले किसान संगठनों की राय अवश्य ले ताकि बाद में उन्हें वापस लेने की नौबत न आए।

किसान संघ के जिलाध्यक्ष राहुल त्यागी ने कहा कि तीनों ही कानून किसान हित के थे। मगर सरकार किसानों को यह बात ठीक से समझा नहीं पाई तो तीनों कानूनों को खारिज कर सरकार ने अपने किसान हितैषी होने का परिचय दिया है। भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिला महामंत्री अशोक चौधरी ने तीनों कृषि कानून खारिज किए जाने को किसान एकता की जीत बताते हुए कहा कि इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा की एमएसपी पर कानून बनाने आदि की मांगें भी शामिल हैं। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द एमएसपी पर कानून बनाकर किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाने का काम करे। भाकियू के वरिष्ठ नेता मास्टर रघुबीर सिंह ने कहा कि सरकार ने कानून रद करने में जो नरम रुख अख्तियार किया है। उसी तरह वह किसानों की अन्य मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उनका भी समाधान करे और कानून के मुताबिक किसानों को उनके गन्ने का भुगतान 14 दिन के भीतर कराना सुनिश्चित कराए साथ ही चीनी मिलों पर विलंबित गन्ना भुगतान पर बकाया ब्याज दिलाने का काम करे।

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