पपिग हाउस के अभाव से 12 गांव के किसान परेशान
जड़ौदापांडा मोरा गांव में लिक नहर पर पंपिग हाउस के अभाव में नंहेड़ा रजवाहे माइनर में पानी नहीं आ रहा है जिसके चलते 12 गांव के किसान परेशान हैं। आलम यह है कि इन किसानों के खेतों में खड़ी फसल सूख रही है।
सहारनपुर, जेएनएन। जड़ौदापांडा: मोरा गांव में लिक नहर पर पंपिग हाउस के अभाव में नंहेड़ा रजवाहे माइनर में पानी नहीं आ रहा है, जिसके चलते 12 गांव के किसान परेशान हैं। आलम यह है कि इन किसानों के खेतों में खड़ी फसल सूख रही है। किसानों ने सिचाई मंत्री को पत्र लिखकर मोरा गांव में लिक नहर पर पंपिग हाउस लगवाएं जाने की मांग की है।
शनिवार को अरविद त्यागी सहित सैकड़ों किसानों ने सिचाई मंत्री को पत्र भेजा कि थाना क्षेत्र के गांव मोरा में गंगा की लिक नहर पर सिचाई विभाग द्वारा पंपिग हाउस नहीं बनाया जा रहा है, जिसके चलते नंहेडा रजवाहे माईनर में पानी न आने से 12 गांव के किसानों की खेतों में खड़ी फसल सूख रही है। किसान नेता अरविद त्यागी सहित 12 गांव के किसानों ने सिचाई मंत्री को पत्र भेजकर मोरा गांव में लिक नहर पर पंपिग हाउस बनवाए जाने की मांग की है। इस मामले में सिचाई विभाग के एक्शन डीपी सिंह का कहना है कि शासन से दूसरी किस्त की धनराशि आवंटित होने के बाद ही पंपिग हाउस बनाया जाएगा।
बेखौफ जल रहा हूं अंधेरों के दरमियां
देवबंद: खानकाह मोहल्ले में शेरी नशिस्त आयोजित हुई, जिसमें शायरों ने सुंदर कलाम पेश कर श्रोताओं की खूब दाद लूटी।
उस्ताद शायर जुहैर अहमद के आवास पर हुए कार्यक्रम में शायर डा. नदीम शाद ने अपने अंदाज में कुछ यूं कहा कि 'न खुदा और खुदा दोनों का अहसान समझ, वरना कश्ती तो न थी ये किनारे लायक वली वकास का अंदाजे बयां कुछ यूं था 'है आखिरी मंजिल का सफर लेके चलो यार, कांधों पे उठा के मुझे दो चार कदम और डा. काशिफ अख्तर ने पढ़ा 'कहां जाते हो यूं पहलू बदल के, अभी कुछ शेर बाकी हैं गजल के उस्ताद शायर अबदुल्ला राही के इस शेर 'माना के अब चराग हूं, लेकिन खुशी है ये, बेखौफ जल रहा हूं अंधेरों के दरमियां ने खूब वाहवाही लूटी।
जुहैर अहमद ने कहा 'लोग आने लगते हैं आंच तेज करने को, जिदगी के चूल्हे पर जब जवाल पकता है शमीम किरतपुरी के शेर 'मैं तिशनालबी अपनी अश्कों से बुझा लूंगा, एक बूंद नहीं लूंगा मगरूर समंदर से श्रोताओं की जमकर दाद बटोरी। इनके अलावा जकी माहिर, अनवर हुसैन, जहाज देवबंदी, उजैर अनवर ने भी कलाम पेश किया। अध्यक्षता अब्दुल्ला राही व संचालन काशिफ अख्तर ने किया। डा. अदनान, मुनव्वर सलीम, साइम उस्मानी, डा. सादिक, गाजी वाजदी, नबील मसूदी, वली उस्मानी आदि मौजूद रहे।