आंदोलन में शामिल होने किसान दिल्ली रवाना, खाद्य सामग्री भी भेजी

लखनौती में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए क्षेत्र के किसान भी शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। बुधवार को किसानों का एक जत्था खाद्य सामग्री लेकर गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 10:49 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 10:49 PM (IST)
आंदोलन में शामिल होने किसान दिल्ली रवाना, खाद्य सामग्री भी भेजी
आंदोलन में शामिल होने किसान दिल्ली रवाना, खाद्य सामग्री भी भेजी

सहारनपुर, जेएनएन। लखनौती में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए क्षेत्र के किसान भी शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। बुधवार को किसानों का एक जत्था खाद्य सामग्री लेकर गया है।

किसान आंदोलन को लेकर क्षेत्र में भी सरगर्मी तेज हो गई है। बुधवार को दिल्ली में अपनी मांगों के लिए डेरा डाले किसानों के लिए किसान मजदूर एकता संघ की ओर से दो पिकप वाहनों में आटा, दूध, पानी, दाल, चीनी, गैस सिलेंडर आदि राशन सामग्री व पांच अन्य वाहनों में किसान रवाना हुए हैं। अवतार सिंह आदि किसानों ने सरकार को किसान विरोधी बताया। साथ ही कहा कि वह आंदोलन में किसानों के साथ हैं। किसान अपनी मांगों के लिए कोई भी कुर्बानी को तैयार हैं। राशन सामग्री ले जाने वालों में तरसेम सिंह, मलकीत सिंह, सतनाम सिंह, जयकरण, कश्मीर सिंह, गुरुमुख सिंह, नवजोत सिंह, सर्वजीत सिंह, गुरजीत सिंह, प्रदीप सिंह, करनैल सिंह, भूरा सिंह, जगदीप सिंह, रियासत अली, आबिद हसन, शराफत अली, लखवीर सिंह, कर्मवीर, गुरप्रताप, गुरुनाम सिंह, मनदीप, अमनदीप, परविदर सिंह आदि शामिल रहे। मंगलवार को भी क्षेत्र से भाकियू कार्यकर्ता चौ. देशपाल सिंह, बृजपाल सैनी, मेहरबान कुरेशी, अरविद कुमार आदि आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली गए।

प्रतिबंधित हरे पेड़ों पर चल रहा कुल्हाड़ा, नानौता: अधिकारियों की अनदेखी के चलते क्षेत्र में आम सहित अन्य प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों को धड़ल्ले से काटा जा रहा है, जबकि विभागीय अधिकारी इससे अपने को अनजान बता रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार पौधारोपण पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं नानौता क्षेत्र में आम व अन्य प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों को धड़ल्ले से काटा जा रहा है। पूर्व में भी कुआंखेड़ा, भारी दीनदारपुर, लंढौरा, कुतुबपुर, चोरा व छिछरौली आदि गांव के जंगल में बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों को काटा गया, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी बेखबर रहे। लोगों का कहना है कि बिना अधिकारियों के सेटिग व बिना स्वीकृति के प्रतिबंधित पेड़ों को काटना असंभव है, जबकि वन विभाग के अधिकारी विपिन कुमार का कहना है कि उनकी ड्यूटी मंगलवार को हुए एमएलसी के चुनाव में लगी हुई थी उन्हें पेड़ों के कटान की जानकारी नहीं है। ऐसा ही स्थानीय पुलिस का भी कहना।

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