अतिक्रमण ने पैर पसारे, गायब हो गए फुटपाथ

महानगर के मुख्य मार्गो पर फुटपाथ पर अतिक्रमण ने पैर पसार रखे है। ऐसे में राहगीरों को मजबूरन सड़क पर चलना पड़ रहा है। कई स्थानों पर टेलीफोन लाइनों के तार फुटपाथ पर कब्जा किए है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 11:09 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 11:09 PM (IST)
अतिक्रमण ने पैर पसारे, गायब हो गए फुटपाथ
अतिक्रमण ने पैर पसारे, गायब हो गए फुटपाथ

सहारनपुर, जेएनएन। महानगर के मुख्य मार्गो पर फुटपाथ पर अतिक्रमण ने पैर पसार रखे है। ऐसे में राहगीरों को मजबूरन सड़क पर चलना पड़ रहा है। कई स्थानों पर टेलीफोन लाइनों के तार फुटपाथ पर कब्जा किए है। वहीं मुख्य मार्गों पर शाम होते ही रेहड़ी-खोमचे वालों का डेरा फुटपाथ पर नजर आता है। फुटपाथ खाली कराने के लिए नगर निगम प्रशासन भी चुप्पी साधे है। त्यौहार नजकीक आते ही कब्जे का सिलसिल भी तेज रहा है।

पैदल यात्रियों की लाइफलाइन कहे जाने वाले फुटपाथ इन दिनों महानगर में कई स्थानों पर गायब हो चुके है। कई स्थानों पर कारोबारी इन पर सामान सजाकर रास्ता अवरूद्ध कर रहे है। महानगर की स्मार्ट रोड कही जाने वाली दिल्ली रोड पर पर बने फुटपाथ पर शाम होते ही रेहड़ी-खोमचे वाले डेरा जमा लेते है, यही स्थिति कोर्ट रोड, खलासी लाइन, बाजोरिया रोड, अंबाला रोड, भगत सिंह मार्ग, चकरोता रोड, आदि क्षेत्रों की भी है। दिल्ली रोड पर निजी अस्पताल की वाहन पार्किंग सड़क पर ही हो रही है। यह स्थित तब है जबकि 50 मीटर दूरी पर ही यहां मंडलायुक्त का आवास और आफीसर्स कालोनी भी है। बाजोरिया रोड पर भी वाहनों पार्किंग फुटपाथ ही हो रही है जिस कारण यहां दिन में कई बार जाम की स्थिति बनती है। प्रतापमार्केट में दुकानदारों द्वारा फुटपाथ तक सामान सजाया जाता है। शहीदगंज में भी यही स्थिति है। चकरोता रोड पर मोबाइल मार्केट के बाहर वाहनों का डेरा लगा रहता है। नवाबगंज चौक के आसपास सड़कों के दोनों किनारे यानि फुटपाथ पर दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण किया हुआ है। गंगोह रोड और चिलकाना रोड परर दुकानदार फुटपाथ पर सामान सजा रहे है।

कस्बों में भी स्थिति खराब

कस्बा बेहट में कहीं भी फुटपाथ नहीं बना है। सड़क किनारे टाइल्स लगा दी गई हैं। नगर पंचायत क्षेत्र में सड़क के दोनों किनारों पर स्थाई तो कहीं अस्थाई अतिक्रमण अवश्य है। देवबंद में फुटपाथ तो नहीं है, लेकिन हाइवे और भायला बाईपास रोड पर दोनों किनारे नाले छपे हुए है इन्हें फुटपाथ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। नकुड़ में तहसील के सामने, कोतवाली के सामने व बस अड्डा आदि जगहों पर सड़क के किनारे लगी टाइल्स पर सब्जी व फल विक्रेता तथा रेडी वालों का स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण है। गंगोह में कोई फुटपाथ तो नही है लेकिन सड़क के दोनो तरफ दुकानदारों ने कब्जे कर रखे हैं। वाहन सर्विस के लिए वर्कशाप आदि भी खोले हुए हैं। पैदल यात्रियों का कथन सी-52

फुटपाथ पर कब्जों को हटवाने की कार्यवाही जल्द की जानी चाहिए। कब्जों के कारण सड़क पर चलना मजबूरी हो जाती है।

गौरव क्वात्रा, राहगीर। सी-53

शहर में कुछ ही स्थानों पर फुटपाथ बने है। ढमोला नदी एसएएम इंटर कालेज के पास के फुटपाथ पर पाइप बिछे होने के कारण कारण उस पर चलना जोखिम भरा है।

सोनू बिरला, राहगीर। सी-54

फुटपाथ को तो हर हाल में कब्जा मुक्त कराना चाहिए। पैदल यात्रियों की सुरक्षा फुटपाथ से ही संभव है इसकी अनदेखी करना किसी भी दशा में उचित नही है।

सचिन कुमार, राहगीर। सी-55

पैदल चलते के दौरान फुटपाथ पर कब्जा होने से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है। बड़े तो फिर भी बचकर निकल जाते है लेकिन बच्चों के लिए भीड़ वाली सड़क पर चलना घातक हो सकता है।

ममता सिंह, राहगीर। इनका कहना

फुटपाथ पर कब्जे आदि के लिए व्यापारियों को दोष देना गलत है। व्यापारी कभी भी अतिक्रमण नही करते। व्यापार मंडल अपने स्तर से व्यापारियों को इस बारे में जागरूक करेगा कि फुटपाथ पर चलने का पहला अधिकार पैदल यात्रियों का है।

शीतल टंडन, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल।

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