ड्रग इंस्पेक्टर के घर में पकड़ा गया देह धंधा
सहारनपुर में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर के मकान में देह धंधे की सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर एक युवती और तीन युवकों को गिरफ्तार किया। ड्रग इंस्पेक्टर को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया लेकिन साठगांठ कर थाने से छोड़ दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर के मकान में देह धंधे की सूचना पर पुलिस ने छापा मारकर एक युवती और तीन युवकों को गिरफ्तार किया। ड्रग इंस्पेक्टर को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन साठगांठ कर थाने से छोड़ दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
जनकपुरी थानाक्षेत्र के ट्रांसपोर्ट नगर में ड्रग इंस्पेक्टर डीपी सिंह के मकान में देह व्यापार की सूचना पर जनकपुरी पुलिस ने रात करीब एक बजे छापा मारा। यहां से इंतजार पुत्र मोहम्मद हसन निवासी खाताखेड़ी मंडी, आशु अरोरा पुत्र रामकिशन निवासी जनकपुरी, शुभम धीमान पुत्र सुरेश निवासी जनकपुरी और एक युवती निवासी कंबोह का पुल को गिरफ्तार किया। एसपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि मकान स्वामी डीपी सिंह फरार हो गया।
युवती ने बखेड़ा किया तो हुआ राजफाश
पुलिस सूत्रों के अनुसार इंतजार नामक युवक इस युवती को डीपी सिंह के मकान पर लेकर पहुंचा था। वहां कुछ बात बिगड़ी तो वह अश्लील अवस्था में सड़क पर आ गई और सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। सूचना पर पुलिस पहुंची और युवती व अन्य लोगों को थाने ले आई। एसएसपी का कहना है कि पूरे मामले की गहन जांच की जाएगी।
दावतों का दौर समाप्त अब हार-जीत के गणित में उलझे समर्थक
जागरण संवाददाता, सहारनपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का मतदान समाप्त होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में दावतों का दौर भी समाप्त हो गया है। इसके साथ ही अब प्रत्याशी समर्थक अपने-अपने तरीके से अपनी जीत और विरोधियों की हार का गणित लगा रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जनपद में 15 अप्रैल को वोट डाले गए थे। पंचायत चुनाव की मतगणना 2 मई को होनी है। इसलिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लिए मतगणना का इंतजार लंबा होता जा रहा है। इसके चलते प्रत्याशी और उनके समर्थक आपस में बैठकर ही इस बात का गणित लगा रहे हैं कि उसे किस बिरादरी से कितना वोट मिला है और उसके विरोधी को कितने मिले हैं। इन सब आंकड़ों के साथ ही मतदान के प्रतिशत को भी जोड़ कर देख रहे हैं। हालांकि इस बार पिछले पंचायत चुनाव की तुलना में पांच प्रतिशत मतदान कम हुआ है। जीत-हार के इस गणित में सबसे ज्यादा प्रधान पद के दावेदार लगे हैं, जिनके यहां महीनों पहले से ही दावतों का दौर शुरू हो गया था, जिसके चलते कई दावेदार तो कर्ज तक ले चुके हैं। ऐसे में यदि इनकी हार होती है तो ऐसे प्रत्याशियों पर दोहरी मार पड़ेगी।