किसान को समझौता वार्ता के लिए डीएम ने बुलाया

नागल में जमीन का उचित मुआवजा न मिलने से क्षुब्ध मीरपुर के एक किसान द्वारा 20 अक्टूबर को आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी जिसके परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी सहारनपुर ने भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के द्वारा पीड़ित किसान को समझौता वार्ता हेतु 21 अक्टूबर को अपने कार्यालय बुलाया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:28 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:28 PM (IST)
किसान को समझौता वार्ता के लिए डीएम ने बुलाया
किसान को समझौता वार्ता के लिए डीएम ने बुलाया

सहारनपुर, जेएनएन। नागल में जमीन का उचित मुआवजा न मिलने से क्षुब्ध मीरपुर के एक किसान द्वारा 20 अक्टूबर को आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी सहारनपुर ने भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के द्वारा पीड़ित किसान को समझौता वार्ता हेतु 21 अक्टूबर को अपने कार्यालय बुलाया है। जहां सेतु निगम के अधिकारियों को भी वार्ता के लिए बुलाया गया है।

बताते चलें कि मीरपुर मोहनपुर निवासी किसान रामूवालिया की कुछ भूमि रेलवे ओवर ब्रिज हेतु अधिग्रहण की गई थी जिसे सेतु निगम के अधिकारी खेती की जमीन का मुआवजा दे रहे हैं, जबकि रामूवालिया का कहना है कि उसने इससे पूर्व जब अपनी कुछ भूमि अन्य गांव वालों को बेची थी तो राजस्व अधिकारियों ने उस पर आबादी की भूमि का स्टांप लगवाया था। जब एक ही खेत की भूमि को आबादी में लिया गया है तो इस भूमि को भी आबादी के हिसाब से ही अधिग्रहित की जाए। एसडीएम देवबंद व सेतु निगम के अधिकारियों की रामूवालिया से कई बार वार्ता हुई मगर कोई समाधान नहीं हो पाया,जिस पर भाकियू के सक्रिय कार्यकर्ता रामूवालिया ने चेतावनी दी थी कि अगर उसे उचित मुआवजा नहीं मिला तो वह 20 अक्टूबर को आत्मदाह कर लेगा। इसी चेतावनी के मद्देनजर जिलाधिकारी सहारनपुर ने उक्त मामले के निपटारे हेतु दोनों पक्षों को 21 अक्टूबर को अपने कार्यालय बुलाया है।

ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कर बनाई चारदीवारी

खेड़ा अफगान: ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कर मौजूदा ग्राम प्रधान ने लोगों के चलने के लिए आम रास्ते को कराया बन्द। आक्रोशित ग्रामीणों ने की रास्ते को खुलवाने की मांग।

खेड़ा अफगान में मुख्य मार्ग पर सड़क किनारे पड़ी ग्राम समाज की भूमि पर कब्जाधारियों ने कब्जा कर ग्रामीणों के चलने के लिए रास्ता बंद कर दिया है। ग्रामीण श्रीपाल सैनी, राजेन्द्र पाल, सहसपाल आदि ने बताया कि खेड़ाअफगान में ग्राम समाज की जिस भूमि पर मौजूदा ग्राम प्रधान द्वारा कब्जा कर रास्ता बंद किया गया है उस भूमि में कुछ वर्ष पहले कुआं हुआ करता था, जिसको साजिश के तहत धीरे धीरे बंद कर दिया गया। कुआं बंद करने के पश्चात भूमि की चारदीवारी करके ग्रामीणों के चलने के लिए रास्ता छोड़ दिया गया, लेकिन करीब छह माह पूर्व जब से ग्राम प्रधान सत्ता में आये है। फिर से उक्त भूमि पर कब्जा करते हुए ग्रामीणों के आम रास्ते को बन्द कर दिया। सूत्रों से पता चला है कि उक्त भूमि का बैनामा कर किसी व्यक्ति विशेष को यह ग्राम समाज की भूमि बेच दी गई है, जिसके बाद ही आम रास्ते को बंद कर दिया था। खेड़ा अफगान लेखपाल जनक सिंह ने बताया कि ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने की शिकायत एसडीएम नकुड़ को प्राप्त हुई थी। उक्त विवादित भूमि ग्राम समाज की भूमि है, जिस पर निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया था। जिसकी जांच अभी चल रही है।

chat bot
आपका साथी