ऊ नम: शिवाय: गुलछप्पर स्थित शिव मंदिर में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

गंगोह में श्रावण मास में शिव मंदिरों में आस्था का समंदर हिलोरे मारने लगता है। गुलछप्पर स्थित मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:35 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:35 PM (IST)
ऊ नम: शिवाय: गुलछप्पर स्थित शिव मंदिर में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
ऊ नम: शिवाय: गुलछप्पर स्थित शिव मंदिर में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह में श्रावण मास में शिव मंदिरों में आस्था का समंदर हिलोरे मारने लगता है। गुलछप्पर स्थित मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए आते हैं। यहां इस मंदिर में स्थित शिव लिग प्रकट होना बताया जाता है, जो इस मंदिर को श्रद्धालुओं के बीच खास बनाती है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि बेर की झाड़ियों के बीच चबूतरे पर स्थित शिव लिग को उखाड़ने के प्रयास किए गए, लेकिन इसे जितना खोदा गया। शिवलिग धरती में उतना ही समाता चला गया। तब इसे उखाड़ने वालों ने अपना इरादा त्याग दिया और जब मिट्टी डाली तो शिवलिग फिर से ऊपर आ गया। हालांकि शिवलिग के स्थापित होने की कहानी चाहे जो भी हो, लेकिन यहां आकर मन्नतें मांगने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इतिहास

यहां से चार किमी दूर गांव गुलछप्पर में मंदिर का निर्माण पांच दशक पूर्व हुआ। इससे पूर्व यहां स्थित शिवलिग खुले मैदान में एक चबूतरे पर स्थापित था। शिवलिग का इतिहास किसी को पता नहीं है। वर्ष 1932 के लगभग यहां आकर बसे सिक्खों का ध्यान इस ओर गया, तब से यहां लगातार पूजा अर्चना होती चली आ रही है। यह शिवलिग भी विचित्र आकार का है। इसकी बनावट ऐसी है। जैसे इसे प्रहार कर काटा गया हो। श्रावण मास व शिवरात्रि पर तो यहां जलाभिषेक करने वालों की भीड़ लग जाती है। तैयारिया

श्रावण मास में यहां श्रद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है। इसलिए माह आरंभ होते ही तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। यहां सभी प्रबंध मंदिर कमेटी ही करती है। श्रावण माह शुरू होते ही मंदिर के पूरे परिसर को भव्य तरीके से सजाया जाता है। इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध है। अन्यथा यहां कावंड़ियों के लिए भी विशेष व्यवस्था कमेटी करती है। प्रधान सेवक पदम सैन का कहना है कि मंदिर में रोजाना श्रद्धालु सामूहिक शिव आराधना करते हें। आस्था के कारण मंदिर की ख्याति लगातार बढ़ रही है और श्रद्धालु यहां मन्नत मांगने आते हें।

श्रद्धालु अरविद टेबक का कहना है कि गुड़छप्पर स्थित मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव बड़े ही भोले व दयालु हैं।

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