स्टोन क्रेशरों को खनन के सरकारी पट्टे देने की मांग
स्टोन क्रेशर आनर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन कमिश्नर को देकर गलत तरीके से लगाए गई पेनाल्टी को समाप्त किए जाने की मांग की। एसोसिएशन ने मांग की है कि स्टोन क्रेशरों को भंडारण का लाइसेंस दिया जाए तथा सरकारी खनन पटटे आवंटित किये जाएं ताकि क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार मिल सके।
सहारनपुर, जेएनएन। स्टोन क्रेशर आनर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन कमिश्नर को देकर गलत तरीके से लगाए गई पेनाल्टी को समाप्त किए जाने की मांग की। एसोसिएशन ने मांग की है कि स्टोन क्रेशरों को भंडारण का लाइसेंस दिया जाए तथा सरकारी खनन पटटे आवंटित किये जाएं, ताकि क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार मिल सके।
स्टोन क्रेशर आनर एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद प्रधान, संदीप सैनी, सरताज अहमद, प्रमोद शर्मा, मदनपाल, वेदपाल चौहान आदि ने सोमवार को कमिश्नर डा. लोकेश एम एवं जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को ज्ञापन में कहा कि वर्ष 2011-12 में तकनीकी टीम द्वारा की गई जांच में पाया गया था कि जनपद में 14194324 घनमीटर अवैध खनन किया गया है। 475 रुपये प्रति घन मीटर के हिसाब से फरवरी 2015 में पौने सात अरब रुपये का नोटिस पट्टा धारकों को दिया गया था। इतनी ही रकम का नोटिस गलत तरीके से स्टोन क्रेशरों को दिया गया। ज्ञापन में कहा गया कि विशेषज्ञ जांच दल ने जनपद के गांव कालूवाला जहानपुर में 1582882 घनमीटर अवैध खनन का आंकलन किया था। इसके लिए 75,18,64,221 रुपये के नोटिस पट्टा धारकों को दिये गए तथा इतनी ही राशि के नोटिस कालूवाला जहानपुर के 27 स्टोन क्रेशरों को दिये गए। एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद प्रधान ने कहा कि वर्ष 2011-12 में बसपा की सरकार थी। सभी पटटा धारक बसपा से जुडे़ थे तथा तत्कालीन जिलाधिकारी की मंशा राजनैतिक दबाव के कारण पट्टा धारकों द्वारा किये गए अपराध की सजा स्टोन क्रेशर स्वामियों को देने की थी। इसलिए सभी स्टोन क्रेशरों पर गलत तरीके से लगाए गए जुर्माने को समाप्त कर स्टोन क्रेशरों को भंडारण के लाइसेंस और सरकारी खनन पट्टे आवंटित किये जाएं, ताकि क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार मिल सके।