कोरोना से हुई मौतों पर आंकड़ों की रार

कोरोना मरीजों की मौतों के बाद राजकीय मेडिकल कालेज में आंकड़ों की रार छिड़ गई है। मेडिकल कालेज में कुल 584 मौतें हुईं जबकि इनमें से महज 262 की कोरोना संबंधी डिटेल उपलब्ध है। कोरोना पुष्टि के अभाव में मरीजों की मौत में कोरोना को वजह नहीं बताया जा रहा है। इस कारण पोर्टल पर कोरोना मरीजों की मौत का डाटा अपडेट नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:07 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:07 PM (IST)
कोरोना से हुई मौतों पर आंकड़ों की रार
कोरोना से हुई मौतों पर आंकड़ों की रार

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना मरीजों की मौतों के बाद राजकीय मेडिकल कालेज में आंकड़ों की रार छिड़ गई है। मेडिकल कालेज में कुल 584 मौतें हुईं, जबकि इनमें से महज 262 की कोरोना संबंधी डिटेल उपलब्ध है। कोरोना पुष्टि के अभाव में मरीजों की मौत में कोरोना को वजह नहीं बताया जा रहा है। इस कारण पोर्टल पर कोरोना मरीजों की मौत का डाटा अपडेट नहीं हो पा रहा है।

कोरोना म़ृतकों के आंकड़े डीएसओ पोर्टल पर चढ़ाए जा रहे हैं। मेडिकल कालेज की डाटा मैनेजमेंट समिति के दो सदस्यों व मेडिकल कालेज के नोडल अधिकारी डाटा मैनेजमेंट समिति द्वारा 8, 9 व 10 जून को प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज को तीन अलग-अलग पत्र लिखे गए। पत्रों के साथ कोविड मृतकों की सूची संलग्न की गई। इन पत्रों में बताया गया कि मेडिकल कालेज में कोरोना से कुल 584 मौतें हुईं। 10 जून तक कोरोना से होने वाली 262 मौत का डाटा ही अपडेट हो सका है। संलग्न मृतकों की सूची में बताया गया कि 58 कोरोना मरीजों के सैंपल नहीं हुए। 11 मरीजों के सैंपल लंबित या रिपीट है। 85 मृतकों की डिटेल न होने के कारण उनकी केस आइडी नहीं मिल रही है। 40 मरीज दूसरे राज्यों या प्रदेश के दूसरे जिलों के हैं। 34 मरीज कोविड पाजिटिव हैं या नहीं उन्हें संदिग्ध माना गया है। इनमें 80 मरीजों के सैंपल टेलीफोन के माध्यम से शहर की विभिन्न लैब में कराए गए हैं। पत्रों के मुताबिक तीन मरीजों ने अपनी लोकेशन गलत दर्ज कराई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 85 में 11 मरीजों की आइडी मिल गई है। उठते सवाल

-क्या मेडिकल कालेज में आने वाले मरीजों का नहीं हुआ टेस्ट।

-क्या भर्ती मरीजों को बिना टेस्ट के कोविड वार्ड में रखा गया।

-क्या भर्ती होने वाले लोगों ने अपना गलत नंबर दर्ज कराया मौत का आंकड़ा छिपाया नहीं गया है। अभी तो डीएसओ पोर्टल पर मौत का आंकड़ा चढ़ाने का काम चल रहा है।

-डा. एके त्रिवेदी, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज।

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