रजवाहे की पटरी टूटी, 50 बीघा भूमि हुई जलमग्न
रजवाहे की पटरी टूटने से किसानों की लगभग 50 बीघा भूमि जलमग्न हो गई। किसानों ने प्रशासन से फसल के हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है।
सहारनपुर, जेएनएन। रजवाहे की पटरी टूटने से किसानों की लगभग 50 बीघा भूमि जलमग्न हो गई। किसानों ने प्रशासन से फसल के हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है।
रविवार कि सुबह लगभग पांच बजे क्षेत्र के गांव पापड़ी से होकर गुजर रहे रजवाहे की बाई तरफ की पटरी बारिश और पानी के तेज बहाव के कारण अचानक टूट गई, जिससे रजवाहे का पानी पटरी के समीप सटे खेतों में भरने लगा। उक्त रजवाहे में पिछले कई दिनों से पानी आ रहा था। किसानों को जब इसका पता लगा तो उन्होंने स्वयं मिट्टी के कट्टे लगाकर पानी के बहाव को रोकने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में उन्होंने एक कुलाबा खोल कर रजवाहे के पानी का का रुख गांव में बने तलाब की तरफ मोड़ा, तब तक रजवाहे के पानी से किसान मुजस्सम , मतीउल्ला, शाहनवाज, रियाज, आदि सहित दर्जनों किसानों की पचास बीघा धान की फसल और बागों में भर चुका था। किसानों का आरोप है कि उन्होंने सिचाई विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को फोन पर कई बार अपनी समस्या के बारे में कहा लेकिन सभी ने लाक डाउन होने की बात कहकर मोटे पर आने से इंकार कर दिया। बाद में कई घंटे बाद रजवाहे का पानी बंद किया गया तब तक किसानों की फसल इसके पानी में डूब चुकी थी। किसानों ने प्रशासन से फसल के हुए नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग की है।