टमाटर पर कोरोना की मार से किसान बेहाल

महंगी में रसोई की शान टमाटर को भी कोरोना के चलते लागू लाकडाउन ने धड़ाम कर दिया है जिससे टमाटर की तुड़ाई व मंडी में लाने की लागत भी नहीं निकल रही है। इससे किसानों की कमर टूट गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:30 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:30 PM (IST)
टमाटर पर कोरोना की मार से किसान बेहाल
टमाटर पर कोरोना की मार से किसान बेहाल

सहारनपुर, जेएनएन। महंगी में रसोई की शान टमाटर को भी कोरोना के चलते लागू लाकडाउन ने धड़ाम कर दिया है, जिससे टमाटर की तुड़ाई व मंडी में लाने की लागत भी नहीं निकल रही है। इससे किसानों की कमर टूट गई है।

कोरोना महामारी के चलते बाहर की मंडी में फसल नहीं जा रही, जिससे किसानों को सब्जियों के वाजिद दाम नहीं मिल पा रहे। वहीं गांव में लगने वाले पैंठ बाजार भी बंद हैं, जिससे टमाटर की खपत बेहद घट गई है। इससे टमाटर की मंदी की मार सीधे किसानों पर पड़ रही है।

टमाटर की खेती करने वाले सतपाल उपाध्याय, संजय कुमार, मेहरदीन का कहना है कि महंगी पेस्टिसाइड व लेवर आदि लागत से टमाटर की फसल तैयार की है, जबकि टमाटर तुड़ाई व मंडी तक लाने में काफी खर्च होता है। बावजूद इसके टमाटर की बेहद मंदी है। इस समय मंडी में टमाटर तीन से चार रुपये किलो तक बिक रहा है। इससे अधिक का खरीदार नहीं हैं। ऐसे में हम बहुत परेशान हैं।

कुछ किसानों ने जमीन ठेके पर लेकर टमाटर की खेती की हुई हैं। उनका कहना है कि कोरोना और लाकडाउन से खेती चौपट हो गई है। मुसीबत ये भी है एक तो टमाटर के खेती में लागत नहीं निकल पा रही है वही जमीन मालिकों को भी पैसा देना है। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी टमाटर लाकडाउन में दो रुपये तक ही बिक रहा था। टमाटर की भले ही मंदी ही लेकिन सब्जी विक्रेताओं के आज भी जेबे भर रही है, जो टमाटर तीन या चार रुपये किलो बिक रहा है। वे उसको गांव या कस्बों में 10 तक रुपये किलो तक बेच रहे हैं। अन्य कई सब्जियां भी मंदी की चपेट में है।

मंडी आढ़ती ब्रिजेश सैनी का कहना है कि लाकडाउन में बाहर के ग्राहक मंडी में नही आ रहे है, जिससे टमाटर की दुर्गति हो गई है। चार रुपये भी टमाटर नहीं बिक रहा है। लाकडाउन खुले तो ही टमाटर में तेजी आ सकती हैं।

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