कोरोना कितना ही प्राणघातक हो, पर इंसानियत जिदा है..

एक वर्ष पूर्व जब कोरोना की पहली लहर आई तो मदद के लिये सड़कों पर कारवां उतर पड़ा। खाने के पैकेट से लेकर दवाओं तक का निशुल्क वितरण किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 11:10 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 11:10 PM (IST)
कोरोना कितना ही प्राणघातक हो, पर इंसानियत जिदा है..
कोरोना कितना ही प्राणघातक हो, पर इंसानियत जिदा है..

सहारनपुर, जेएनएन। एक वर्ष पूर्व जब कोरोना की पहली लहर आई तो मदद के लिये सड़कों पर कारवां उतर पड़ा। खाने के पैकेट से लेकर दवाओं तक का निशुल्क वितरण किया गया। हजारों की संख्या में समाजसेवी संस्थाओं ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। यह कहा गया कि अगर कोरोना की दूसरी लहर आएगी तो इंसानियत का ऐसा नजारा शायद ही दिखे। इंसानियत के दूतों ने इस मिथक को भी तोड़ दिया। कोरोना कितना ही प्राणघातक क्यों न हो, खाने से लेकर दवाओं तथा अंतिम संस्कार के पुण्य कार्य में अभी भी बड़ी संख्या में समाजसेवी लगे हैं।

फूड बैंक बांट रहा भोजन के पैकेट

फूड बैंक ने कोरोना की पिछली लहर में सराहनीय कार्य किया था, निराश्रितों को खाने के पैकेट बांटे थे। फूड बैंक का संचालन खुद न्यायाधीशों तथा अधिवक्ताओं ने सामूहिक रूप से किया था। इस बार कोरोना की दूसरी लहर में भी फूड बैंक लगातार सेवा कर रहा है। निराश्रितों तथा असहायों को खाना उपलब्ध करा रहा है।

अंतिम संस्कार कर रहे युवा

कोरोना के शिकार कई ऐसे लोग हैं, जिनको कंधा देने वाला ही कोई नहीं बचता। सहारनपुर के युवा राहुल झाम, गौरव कक्कड़, संचित अरोड़ा, सोनी शर्मा आदि मिलकर ऐसे लोगों को कंधा देने के बाद उनका अंतिम संस्कार करते हैं। पिछले 15 दिनों में वह करीब 15 लोगों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।

चपाती संस्था भेज रही मरीजों को राशन

चपाती संस्था कोरोना से जंग लड़कर होम क्वारंटाइन हुए लोगों को घर पर ही राशन उपलब्ध करा रही है। शहर में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं, जहां कोरोना का मरीज निकलने के बाद घर पर राशन तक की किल्लत पड़ जाती है। ऐसे परिवारों को चपाती संस्था घर पर राशन भिजवाती है। संस्था के मनीष अरोड़ा बताते हैं कि राशन के पैकेट बनाकर 15 दिन का राशन भिजवाया जाता है। उड़ान, क्रेजी ग्रीन भी पीछे नहीं

कोरोना से लड़ाई में उड़ान-क्रेजी ग्रीन संस्था भी पीछे नहीं है। संस्था के अजय सिघल असहाय बच्चों व जरूरतमंदों को कोरोना के इस दौर में पूरी मदद कर रहे हैं। जिन घरों में कोरोना होने के बाद भोजन का संकट आ गया है, वहां पर क्रेजी ग्रीन भोजन पहुंचा रहा है। इसके लिए क्रेजी ग्रीन से जुड़े सभी सदस्य आपसी सहयोग से पात्रों की मदद कर रहे हैं। समाजसेवी निधि राणा बताती हैं कि उड़ान की ओर से खाना बनाकर पैकेट में मरीजों के घर भिजवाया जा रहा है।

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आरएसएस, एबीवीपी व लघु उद्योग भारती भी सेवा में जुटे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मरीजों की मदद के लिए मैदान में उतर आया है। मरीजों को भर्ती कराने से लेकर उन्हें आक्सीजन दिलाने तथा काढ़ा वितरण का कार्य संघ की ओर से किया जा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के युवा भी हर तरह से मरीजों की सेवा में लगे हैं। लघु उद्योग भारती अस्पतालों में आक्सीजन देने से लेकर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के कार्य में सहयोग कर रही है।

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