डेंगू बुखार की चपेट में आकर कांस्टेबल सचिन कुमार की मौत

ामपुर मनिहारान में डेंगू बुखार से एक कांस्टेबल की मौत हो गई है। मृतक मेरठ जिले में तैनात थे। गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:36 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:36 PM (IST)
डेंगू बुखार की चपेट में आकर कांस्टेबल सचिन कुमार की मौत
डेंगू बुखार की चपेट में आकर कांस्टेबल सचिन कुमार की मौत

सहारनपुर, जेएनएन। रामपुर मनिहारान में डेंगू बुखार से एक कांस्टेबल की मौत हो गई है। मृतक मेरठ जिले में तैनात थे। गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

थाना क्षेत्र के गांव घाटेड़ा निवासी सेवानिवृत्त दारोगा हरपाल सिंह के पुत्र सचिन 34 वर्ष काफी समय से मेरठ के हस्तिनापुर में कांस्टेबल के पद तैनात थे। अभी कुछ समय पहले उन्होंने पुलिस लाइन मेरठ में आमद की थी। इसी दौरान वह डेंगू की चपेट में आ गए। निजी चिकित्सक से आराम न मिलने पर मेरठ अस्पताल में उपचार कराया। यहां से भी दिल्ली रेफर किया गया, जहां लगभग 16 घंटे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक अपने पीछे अपनी पत्नी व 5 साल के बच्चे को छोड़ गए हैं। घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी तेज सिंह पूर्व प्रमुख चौधरी साहब सिंह, सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि मृतक सचिन बहुत मिलनसार थे। जब भी गांव में छुट्टी पर आते तो सभी से मिलते थे।

रामपुर मनिहारान में डेंगू बुखार से एक कांस्टेबल की मौत हो गई है। मृतक मेरठ जिले में तैनात थे। गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

300 असंगठित श्रमिकों का किया पंजीकरण

सहारनपुर: असंगठित एवं निर्माण श्रमिक संघ के तत्वावधान में हसनपुर चौक पर क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आयोजित ई-श्रम कार्ड पंजीयन शिविर लगा, जहां 300 असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीकरण किया गया।

श्रमिक संघ अध्यक्ष दीपक आनंद ने बताया कि संघ द्वारा जिले भर में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को चिहित करने के साथ ही उनके पंजीकरण का अभियान शुरू किया है। संघ का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पंजीकृत करा सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाने का है। शिविर में श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा उपस्थित करीब 500 श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड की उपयोगिता के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही तीन सौ श्रमिकों का पंजीकरण भी कराया। इस दौरान सचिन सैनी, गुलबहार शेख, मीना चौधरी, रवि कुमार, श्रम पर्वतन अधिकारी कृष्ण पाल सिंह, शैलेन्द्र शिवम त्रिपाठी तथा शादाब मलिक का विशेष योगदान रहा।

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