नालों की सफाई, बारिश में सामने आएगी हकीकत

बरसात में महानगर को जलभराव से बचाने के लिए नालों की सफाई का काम जारी है। नगर निगम का दावा है कि 284 नालों की सफाई कराई जा चुकी है जबकि शेष नालों की सफाई का काम अगले सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:04 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:04 PM (IST)
नालों की सफाई, बारिश में सामने आएगी हकीकत
नालों की सफाई, बारिश में सामने आएगी हकीकत

सहारनपुर, जेएनएन। बरसात में महानगर को जलभराव से बचाने के लिए नालों की सफाई का काम जारी है। नगर निगम का दावा है कि 284 नालों की सफाई कराई जा चुकी है, जबकि शेष नालों की सफाई का काम अगले सप्ताह पूरा कर लिया जाएगा। वहीं कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां अभी भी नाले गंदगी से अटे पड़े है। शहर के बीच से बहने वाली पांवधोई और ढमोला नदी में जगह-जगह कचरा भरा है। ऐसे में बारिश के दौरान नालों की सफाई की हकीकत पता चल जाएगा।

महानगर में नालों की सफाई का काम अप्रैल में शुरू होना चाहिए था, लेकिन कोरोना संकट के कारण यह काम मई के दूसरे पखवाड़े में शुरू हो सका। चार बड़े नालों में केग्री नाला, चिलकाना रोड नाला, जेबीएस कालेज से कुतुबशेर तक का नाला और शारदा नगर नाला है। इनमें शारदा नगर नाले को छोड़कर अन्य तीन की सफाई का काम निगम द्वारा ठेके पर कराया गया। जेबीएस कालेज तक के नाले की सफाई का काम पूरा हो चुका है, जबकि चिलकाना रोड ओर केग्री नाले की सफाई का काम जारी है। शारदानगर नाले की सफाई का काम निगम कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है। दरअसल, यह नाला रेलवे लाइनों के नीचे से होकर गुजरता है और इसी कारण नाले की सफाई के दौरान रेलवे से भी तालमेल किया जाता है।

जलाया जा रहा कूड़ा-कचरा

मंडी समिति रोड पर नाले की सफाई के दौरान निकले कचरे को जलाए जाने से वहां भारी प्रदूषण हो रहा है। ऐसी ही स्थिति मेला गेट के सामने भी नजर आई, यहां नाले से निकाला गया कचरा सड़क पर फैल रहा था। चिलकाना रोड पर स्कूल के निकट नाले पर अतिक्रमण के कारण कई स्थानों पर नाले की सफाई नही हो सकी। दुकानदारों द्वारा लगाए गए जाल व स्लैब नाला सफाई में बाधक बने है। शहर के बीच से बहने वाली पांवधोई और ढमोला नदी में भी जगह-जगह कचरा पड़ा है। पानी के बहाव में यह कचरा बाधक बन रहा है। प्लाटों में जमा गंदा पानी

महानगर के चारों और अविकसित कालोनियों में गंदे पानी की निकासी न होना बड़ी समस्या बना हुआ है। यहां घरों का गंदा पानी खाली प्लाटों ओर सड़कों पर फैला रहता है। बारिश के दौरान स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। कई क्षेत्रों में बारिश का गंदा पानी घरों तक में भर जाता है। लेबर कालोनी वार्ड और उसके आसपास के क्षेत्रों में खाली प्लाट तालाब का रूप ले चुके हैं। कलसिया रोड क्षेत्र में भी पानी की निकासी का समुचित प्रबंध नही है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण हुए जलभराव से वहां निगम को पंप लगाकर निकासी करानी पड़ी थी। लेबर कालोनी के राम विहार में भी पंप से पानी की निकासी कराई गई थी। सड़क दूधली वार्ड के अलावा विभिन्न कालोनियों में खाली प्लाटों में कूड़े के ढेर लगे है। निगम का दावा है कि पहले शहर में 140 से अधिक कूड़ाघर होते थे जो अब 40 ही रह गए है, इनकी भी नियमित सफाई कराई जाती है। इन्होंने कहा

सी-22

रामविहार क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी नही है। बारिश में स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। यहां नालियां बनवाकर पानी निकासी का काम प्राथमिकता से होना चाहिए।

सीबी सिंह, क्षेत्रवासी। सी-23

पानी निकासी न होने से सड़कों पर फैल जाता है, कई बार नगर निगम अधिकारियों को समस्या की जानकारी दी गई लेकिन समस्या जस की तस है। रामविहार कालोनी के अलावा आसपास की कई कालोनियों के प्लाट तालाब बन गए हैं।

हरीश त्यागी, क्षेत्रवासी। इनका कहना है

निगम द्वारा नालों की सफाई का काम बहुत तेजी से कराया गया। कुछ नालों की सफाई का काम शेष है, जो चल रहा है। निगम का प्रयास शहर को साफ रखकर बरसात में होने वाले जलभराव से बचाना है।

ज्ञानेंद्र सिंह, नगर आयुक्त।

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