हर्षोल्लास से मनाया भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिवस

देवबंद नगर क्षेत्र में गुरुवार को भगवान विश्वकर्मा का जन्म दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। हवन यज्ञ का आयोजन कर विश्वकर्मा पूजा की गई। इंजीनियरिग संस्थानों व कल कारखानों में औजारों की पूजा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:42 PM (IST)
हर्षोल्लास से मनाया भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिवस
हर्षोल्लास से मनाया भगवान विश्वकर्मा का जन्मदिवस

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद नगर क्षेत्र में गुरुवार को भगवान विश्वकर्मा का जन्म दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। हवन यज्ञ का आयोजन कर विश्वकर्मा पूजा की गई। इंजीनियरिग संस्थानों व कल कारखानों में औजारों की पूजा की गई।

इंजीनियरिग और कला के देवता भगवान विश्वकर्मा के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मंगलौर चौकी के निकट नरेश धीमान के आवास पर हवन व विश्वकर्मा पूजा हुई। इस मौके पर बताया गया कि भगवान विश्वकर्मा देवों के शिल्पी, वास्तुकार और संसार के पहले इंजीनियर हैं। वे इंद्रपुरी, द्वारिकानगरी, सुदामापुरी, इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंकानगरी, पुष्पक विमान, शिव के त्रिशूल, यमराज के कालदंड और विष्णुचक्र आदि के निर्माणकर्ता हैं। विश्वकर्मा पूजा के दिन कारखानों, कार्यालयों उद्योगों आदि में भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान से पूजा होती है। जिसे करने से व्यवसाय में तरक्की मिलती है। इस मौके पर सुनील धीमान, ईलमचंद, अमित राजू, अनिल धीमान, हर्ष धीमान, राकेश धीमान, सौरभ धीमान, आशीष धीमान, मुनेश धीमान मौजूद रहे।

एक चौथाई दान ही उत्तम त्याग है

नकुड़: पर्युषण पर्व आठवां दिन पुष्पदंत भगवान को नमन करते हुए उत्तम त्याग धर्म एवम रत्नत्रय की पूजा के साथ प्रारंभ हुआ।

जैन मंदिर परिसर में आयोजित पर्युषण पर्व के आठवें दिन जैन धर्म के नौ वे तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान की पूजा विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुई, जिसमें उत्तम त्याग धर्म की महिमा का वर्णन करते हुए बताया गया कि आधी आय परिवार,एक चौथाई आपत्ति के लिए एवमं एक चौथाई दान ही उत्तम त्याग है।

श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर एवं चंद्रप्रभु चैतालय में दस लक्षण पर्व के आठवें दिन आज उत्तम त्याग धर्म की पूजा के साथ भगवान पुष्पदंत जी को अ‌र्घ्य समर्पित किए गए। जैन मिलन के अध्यक्ष मुकेश जैन, पंकज जैन ने बताया कि विगत रात्रि श्री दिगंबर जैन आदिनाथ मंदिर में णमोकार मंत्र का पाठ किया गया। उसके बाद जैन अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन जैन समाज के अध्यक्ष संदीप जैन की ओर से किया गया।

इस अवसर पर जैन समाज से संदीप, मुकेश, राजेश, राजेश, राजू, पंकज, संयम, वर्धन, संजीव, वर्षा, सरिता, राखी, नीतू, प्रतिभा, बीना आदि का सहयोग रहा।

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