काले घने बादल व झमाझम बारिश से पलटा मौसम का मिजाज

शनिवार देर रात से घने बादलों के बीच थम-थम कर हो रही झमाझम बारिश ने मौसम के मिजाज को पूरी तरह से पलट कर रख दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 10:54 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 10:54 PM (IST)
काले घने बादल व झमाझम बारिश से पलटा मौसम का मिजाज
काले घने बादल व झमाझम बारिश से पलटा मौसम का मिजाज

सहारनपुर, जेएनएन। शनिवार देर रात से घने बादलों के बीच थम-थम कर हो रही झमाझम बारिश ने मौसम के मिजाज को पूरी तरह से पलट कर रख दिया है।

शनिवार को खिली तेज धूप से गर्मी जहां चरम पर पहुंच रही थी और वहीं देर रात से शुरू हुए बारिश के सिलसिले से रविवार को मौसम खासा सुहावना हो गया। सुबह काले घने बादलों व झमाझम बारिश से हुई तथा पूरा दिन काले बादलों के छाए रहने से अंधकार सा छाया रहने के कारण वाहन दिन में भी हेडलाइट जलाकर निकल रहे थे। यही नहीं पूरा दिन रुक-रुक चली बूंदाबांदी ने शाम को तेज बारिश का रूप ले लिया था तथा हवाएं सर्दी का अहसास कराने लगीं। उधर, पहाड़ों पर भारी बारिश के चलते बेहट के शाकंभरी देवी क्षेत्र में तेज बहाव के साथ पानी आने से बाढ़ के हालात बन गए, जिससे शाकंभरी मेले के दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ। मामले की गंभीरता के देखते हुए प्रशासन ने दो दिन के लिए शाकंभरी देवी मेला स्थगित कर दिया है। बारिश से तापमान में भी 11 डिग्री से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। रविवार को अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री तथा न्यूनतम 22.8 डिग्री सेल्सियस तथा वर्षा 73.00 एमएम दर्ज की गई। मौसम वेधशाला प्रभारी उमेश कुमार ने अगले दो दिन मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होने तथा तेज बारिश का अनुमान जताया है। ------------

गुल रही अनेक क्षेत्रों की बिजली

घने बादलों व बारिश के दौर के बीच महानगर के अनेक क्षेत्रों की बिजली सुबह से ही गुल रही। कई क्षेत्रों में तो देर शाम तक आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई थी। शारदा नगर, खलासी लाइन, अंबाला रोड, सर्किट हाउस रोड, लेबर कालोनी, दुर्गा पुरी, नेहरू नगर, लोहानी सराय, पुरानी मंडी, कुतुबशेर, सहित अनेक क्षेत्रों की बिजली गुल रहने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ---------------

धान की फसल को भारी नुकसान

भारी बारिश के चलते धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचने की आशंका से किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें खिच रही हैं। धान कटाई के बाद अधिकांश खेतों में खुले में पड़ा है तथा काफी धान की फसल की कटाई नहीं होने से खराब होने की संभावना बढ़ती जा रही है। खुले में पड़ा धान भी भीगने से बर्बाद होने की सूचनाएं लगातार मिल रही हैं।

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सरसावा : रविवार को सवेरे से ही आसमान पर छाए बादलों के साथ रुक-रुककर हो रही बारिश ने धान उत्पादक किसान के चेहरे पर चिन्ता की शिकन पैदा कर दी। कमलजीत प्रधान, राजू प्रधान बुडेढा, चौ. आदिल, चौ. राशिद, चौ. सतबीर, अरविद ठाकुर आदि का कहना है कि किसान खेत मे पकी खडी धान की फसल की कटाई की तैयारी मे लगा है। ऐसे में बारिश धान उत्पादक किसान के लिए नुकसानदायक है, गन्ने की फसल के लिए बारिश को लाभ है।

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