सीडीओ ने रोका जिला समाज कल्याण अधिकारी का एक दिन का वेतन
मुख्य विकास अधिकारी प्रणय सिंह ने बुधवार जिला समाज कल्याण अधिकारी आनंद सिंह के अनुपस्थित रहने पर उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए। साथ ही बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर इसी कार्यालय के पर्यवेक्षक कुलदीप सिंह का वेतन रोके जाने और स्पष्टीकरण मांगे जाने के निर्देश दिए।
सहारनपुर, जेएनएन। मुख्य विकास अधिकारी प्रणय सिंह ने बुधवार जिला समाज कल्याण अधिकारी आनंद सिंह के अनुपस्थित रहने पर उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए। साथ ही बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर इसी कार्यालय के पर्यवेक्षक कुलदीप सिंह का वेतन रोके जाने और स्पष्टीकरण मांगे जाने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने विकासखंड कार्यालय रामपुर मनिहारान का औचक निरीक्षण कर जिन पटलों पर कार्य अपूर्ण पाए गए उन सभी कर्मियों को विशेष प्रतिकूल प्रविष्ट दी। साफ सफाई नहीं होने पर नाराजगी भी व्यक्त की।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि उन्होंने बुधवार की सुबह 10.25 बजे शासकीय कार्य के लिए समाज कल्याण अधिकारी को अपने कार्यालय कक्ष में बुलाया, लेकिन जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। उनकी यह आदत पहले भी कई बार देखी गई है, जिसके चलते बुधवार को उनका एक दिन का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोके जाने के निर्देश दिए हैं।
जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय की उपस्थिति पंजिका के अवलोकन में पाया गया कि पर्यवेक्षक कुलदीप सिंह बिना किसी सूचना के एक दिसंबर से अनुपस्थित हैं। इनका संतोषजनक स्पष्टीकरण आने तक इनका वेतन रोके जाने के निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी ने दोपहर करीब 12:20 बजे विकासखंड कार्यालय रामपुर मनिहारान का निरीक्षण किया। इस समय खंड विकास अधिकारी एवं समस्त स्टाफ उपस्थित मिला। कार्यालय में पंजिकाओं का अवलोकन किया, जिसमें पाया कि मस्टर रोल निर्गम पंजिका एवं मनरेगा फंड ट्रांसफर आर्डर खंड विकास अधिकारी स्तर से आज तक अवलोकित नहीं कराई गई। निरीक्षण के समय संपूर्ण समाधान दिवस पंजिका माह सितंबर से अपूर्ण पाई गई। मकान किराया वसूली पंजिका खंड विकास अधिकारी से अवलोकित नहीं थी। निरीक्षण के समय जीपीएफ पासबुक एवं सर्विस बुकों का अवलोकन किया। उन्होंने अधूरे कार्य करने वाले कर्मचारियों को फटकार लगाई। साथ ही खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि अधूरी पंजिकाओं को तत्काल पूरा कराएं। निरीक्षण के समय एडीओ समाज कलयाण के पास उनके विभाग से संबंधित योजनाओं की न तो गार्ड फाइल मिली और न कोई पंजिका उनके द्वारा दिखाई गई। मुख्य विकास अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे स्पष्ट है कि खंड विकास अधिकारी का विकासखंड कार्यालय में तैनात अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। निरीक्षण के समय अपूर्ण अभिलेख पाये जाने तथा शासन की मंशा के अनुरूप शासकीय कार्य संपादित न किए जाने के कारण संबंधित को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी।