नए कृषि कानूनों के विरोध में रालोद का प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया है। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग की गई है।
सहारनपुर: नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया है। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग की गई है।
राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष राव कैसर सलीम, प्रदेश महासचिव चौधरी अयूब हसन एवं चौधरी धीर सिंह के नेतृत्व में रालोद कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे, जहां प्रदेश महासचिव चौधरी अयूब हसन ने कहा कि कोरोनाकाल के बीच केंद्र सरकार ने कृषि संबंधी ऐसे कानून पारित किए हैं जिनके लागू होने से किसानों की स्थिति दयनीय हो जाएगी। सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा नहीं ले। किसानों को नए कानून से निश्चित तौर से नुकसान होगा। इसलिए सरकार को उक्त कृषि कानून को वापस लेना चाहिए। चेताया कि यदि वह सत्ता में ला सकता है तो मौजूदा सरकार को सत्ता से उतार भी सकता है। प्रदेश महासचिव चौधरी धीर सिंह ने कहा कि कि आज देश का किसान अपनी संभावित व्यथाओं से आशंकित होकर आंदोलित है। सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है। किसान आंदोलन को गंभीरता से लेकर सरकार किसानों की मांगों को शीघ्र पूरा करे।
भाकियू जिलाध्यक्ष राव कैसर सलीम ने कहा कि किसानों की पीड़ा का एहसास करते हुए सरकार तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त कर किसानों को राहत पहुंचाने का काम करें।
प्रदर्शनकारियों में हाजी सलीम, हरपाल सिंह, शौकिन राणा, भूरा मलिक, अनुज वर्मा, शमशाद, वसीम, अब्दुल हमीद, महावीर सैनी, सागर चौधरी, शाहरुख अंसारी, फरमान राव, अल्तमश, हरप्रीत सिंह, कादिर आदि मौजूद रहे।