छोटी सड़कें और तेज रफ्तार बन रही हादसों का सबब
यातायात के नियमों का उल्लंघन हादसों की बड़ी वजह बन रहा है। तेज रफ्तार और नशे की हालत में बिना हेलमेट वाहन चलाने के कारण युवा हादसों का शिकार हो रहे हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। यातायात के नियमों का उल्लंघन हादसों की बड़ी वजह बन रहा है। तेज रफ्तार और नशे की हालत में बिना हेलमेट वाहन चलाने के कारण युवा हादसों का शिकार हो रहे हैं। गुरुवार की रात भी एक युवक की तेज गति में डिवाडर से टकराकर ट्रक के नीचे आने से मौत हो गई। तेज गति के चलते होने वाले हादसों के बाद सबसे ज्यादा परेशानी उनके परिजनों को उठानी पड़ती है।
जिस तरह आबादी बढ़ रही है उसी तरह वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। मगर न तो नई सड़कें बनाई गई और न ही फ्लाई ओवर का निर्माण कराया गया है। जिस कारण सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ गई है। वाहनों की भीड़ तो बेतहाशा बढ़ रही है लेकिन उनके लिए पूरे शहर में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण बाजार में जिसका जहां मन किया वह वहीं पर अपना वाहन खड़ा कर खरीदारी में जुट जाते हैं। पुलिस की लगातार व्यवस्था के बावजूद यहां हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। जिस कारण तेज गति से आने वाले वाहनों के कारण हर समय दुर्घटना का भय बना रहता है।
नशा भी बन रहा हादसों का कारण
सड़क दुर्घटनाओं में नशे का भी अहम रोल है, शाम होते ही बड़ी संख्या में कारों का जमावड़ा रेलवे इंस्टीटयूट रोड मिशन कंपाउंड के आसपास देखा जा सकता है। इस रोड पर अधिकांश चिकन सेंटर होने के कारण नई उम्र के युवा कारों में बैठकर ही शराब व चिकन आदि का सेवन करते हैं और फिर नशे की हालत में अपने वाहन चलाकर ले जाते हैं। यहां भी वाहन आड़े तिरछे खड़े किये जाने के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है और जाम के कारण लोगो के झगड़े होते रहते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आने वाले दो प्रतिशत लोग ही कार में सीट बेल्ट का इस्तेमाल करते हैं 98 प्रतिशत लोग बिना सीट बेल्ट बांधे खतरा मोल लेते हैं। बस स्टैंड भी हादसों का कारण
आमतौर पर बस स्टैंड शहर से बाहर होते हैं मगर सहारनपुर शहर में रोडवेज बस स्टैंड बिल्कुल शहर की आबादी के बीच स्थित है और उसकी अधिकांश बसे बस स्टैंड के बाहर सड़क पर खड़ी होकर ही सवारियों को बिठाती हैं। प्राइवेट बस स्टैंड अंबाला रोड पर है यहां प्राइवेट के साथ-साथ रोडवेज व आटो स्टैंड होने के कारण सबसे ज्यादा हादसे सिर्फ इसलिए होते हैं कि किसी को कुछ पता ही नहीं चल पाता कि कौन से वाहन किधर आ रहा है या जा रहा है। एसपी सिटी प्रेमचंद का कहना है कि सुरक्षित यातायात के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। सबसे बड़ी समस्या पार्किंग न होना तथा बस स्टैंड का शहर के बीच में होना है। स्मार्ट सिटी में होने के कारण इस समस्या का हल नगर निगम द्वारा करने का प्रयास किया जा रहा है। उसके द्वारा ट्रैफिक लाइट का सिस्टम बनाया जा रहा है। ओवर स्पीड 305 वाहनों के चालान
एआरटीओ प्रवर्तन आरपी मिश्रा का कहना है कि सड़क दुर्घटना का एक बड़ा कारण ओवर स्पीड है। परिवहन विभाग द्वारा ओवर स्पीड चल रहे वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर 305 वाहनों का चालान किया गया। यह अभियान इंटर स्टेट द्वारा सहारनपुर बाईपास एवं गागलहेड़ी-देहरादून हाइवे पर चलाया गया। सहारनपुर बाईपास की स्पीड लिमिट एनएचएआई द्वारा हल्के वाहनों के लिए 80 किलोमीटर प्रति घंटा तथा भारी वाहनों की 60 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। वहीं देहरादून जाने वाले हाइवे पर हल्के वाहनों की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा तथा भारी वाहनों की 80 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस अभियान में एआरटीओ सतीश कुमार, यात्रीकर अधिकारी केएन पांडेय भी रहे।