पराली व गन्ना पत्ती जलाना कानूनन अपराध

गन्ना विकास परिषद और त्रिवेणी चीनी मिल के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को जागरूकता रैली निकाल किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:11 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:11 PM (IST)
पराली व गन्ना पत्ती जलाना कानूनन अपराध
पराली व गन्ना पत्ती जलाना कानूनन अपराध

सहारनपुर, जेएनएन। गन्ना विकास परिषद और त्रिवेणी चीनी मिल के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को जागरूकता रैली निकाल किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया गया।

सहकारी गन्ना समिति परिसर से आरंभ हुई रैली रेलवे रोड, चीनी मिल केन यार्ड होते हुए अंबेहटा शेखां, कुलसत, झबीरण, लखनौती, कुरडी, भायला, साखन कलां, साखन खुर्द, बास्तम, सुल्तानपुर और करंजाली गांव होकर वापस गन्ना समिति पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान गन्ना विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कहा कि धान की पराली और गन्ने की पत्ती जलाने से पर्यावरण को भारी क्षति होती है। उन्होंने कृषकों से पराली व गन्ना पत्ती न जलाने का आह्वान किया। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन की तकनीक अपनाकर खाद बनाने के टिप्स दिए। अधिकारियों ने कहा कि पराली जलाना कानूनन अपराध है, जिस पर जुर्माना एवं कारावास की कार्रवाई हो सकती है। इस मौके पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अभय कुमार ओझा, विशेष सचिव प्रेमचंद चौरसिया, त्रिवेणी चीनी मिल के सहायक गन्ना प्रबंधक बीएस तोमर समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

गेहूं की फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा गोवंश

ब्लाक गंगोह में दो गोशाला होने के बावजूद भी बेसहारा गोवंश खेतों में झुंड बनाकर घूम रहे हैं और फसलों को बर्बाद कर रहे है, लेकिन प्रशासन इन्हें पकड़ने के लिए कोई इंतजाम नहीं कर रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

ग्राम में कलसी व खानपुर अफगान में शासन द्वारा गौशाला बनाई गई है।, जिनमें बेसहारा गोवंश को रखने का प्रबंध किए गए हैं। किसानों की खून पसीने से सींची गई फसलों को बर्बाद करने पर लगा है, जिससे किसान बेहद परेशान हैं। खैरसाल के किसान आशीष चौधरी, महिपाल सिंह,बलकार सिंह, नाथीराम व मदन आदि का कहना है कि बेसहारा गोवंश गेहूं की छोटी फसल को बर्बाद कर रहे है। वहीं बरसीम सरसों को भी चट कर रहे हैं।

नकुड़ एसडीएम हिमांशु नागपाल का कहना है कि बेसहारा गोवंश को पकड़ने के लिए पशु चिकित्साधिकारी को कहा जाएगा।

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