ब्रिटिशकालीन पुलों के स्थान पर नए पुल बनाए, कुछ जर्जर

जर्जर हो चुके ब्रिटिशकालीन पुलों के स्थान पर महानगर में तीन पुल बनाए जा चुके हैं जबकि दालमंडी पुल को टू-लेन बनाने के लिए सेतु निगम द्वारा टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अगले कुछ माह के भीतर पुल का निर्माण शुरू होने की संभावना है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:59 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:59 PM (IST)
ब्रिटिशकालीन पुलों के स्थान पर नए पुल बनाए, कुछ जर्जर
ब्रिटिशकालीन पुलों के स्थान पर नए पुल बनाए, कुछ जर्जर

सहारनपुर, जेएनएन। जर्जर हो चुके ब्रिटिशकालीन पुलों के स्थान पर महानगर में तीन पुल बनाए जा चुके हैं, जबकि दालमंडी पुल को टू-लेन बनाने के लिए सेतु निगम द्वारा टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। अगले कुछ माह के भीतर पुल का निर्माण शुरू होने की संभावना है। इसके निर्माण पर 141.89 लाख की लागत आने की संभावना है। वहीं बेहट क्षेत्र में मसखरा नदी का जर्जर पुल यातायात के लिए बंद किया जा चुका है। यह पुल वर्ष 1886 में बना था।

महानगर में यातायात व्यवस्था सुगम करने और जाम से मुक्ति दिलाने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत घनी आबादी के बीच स्थित पांवधोई नदी पर दालमंडी पुल, सब्जी मंडी पुल व चतरा पुल के चौड़ीकरण का नगर निगम द्वारा निर्णय लिया गया था। ब्रिटिश कालीन दाल मंडी पुल को हटाकर यहां दो लेन का पुल बनाया जाएगा। पुल पर करीब 141.89 लाख की राशि खर्च होगी। दोनों ओर फुटपाथ भी बनाए जाएंगे। फोरलेन होंगे ये पुल

सब्जी मंडी व चतरा पुल फोरलेन के बनेंगे, इनकी लंबाई करीब 15 मीटर और चौड़ाई तीस मीटर रहेगी। चतरा पुल व सब्जी मंडी पुल पर साढे़ सात-साढे़ सात मीटर चौड़ाई की दो लेन रहेगी। दोनों ओर फुटपाथ बनाए जायेंगे। फोरलेन वाले प्रत्येक पुल पर 223.69 लाख रुपये की लागत आयेगी। चतरा पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है, इसके बाद सब्जी मंडी पुल और दाल मंडी पुल का निर्माण शुरू होगा। जून में ढह गया था पावेल ब्रिज

सदर थाना रोड पर ढमोला नदी पर बने लोहे के पुल को पावेल ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। जून में एकाएक पुल एक ओर से नदी में गिर गया। इस पुल के निर्माण का निर्माण वर्ष-1835 में कराया गया था। पुल केवल दो पहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला था। पुल से नगर निगम की बड़ी पानी की लाइन गुजरती थी जिसे अब दूसरे पुल से होकर निकाला गया है। पुल खुमरान का तीन पूर्व निर्माण

पांवधोई नदी पर बना पुल खुमरान भी ब्रिटिशकालीन था। दो वर्ष पहले लोक निर्माण विभाग द्वारा यहां नए पुल का निर्माण कराया गया। पुराना पुल काफी जर्जर हो चुका था, कई बार पुल की साइडें क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। नए पुल के निर्माण से क्षेत्र का यातायात काफी सुचारू हो गया है। पुल जोगियान का हो चुका निर्माण

प्रताप मार्केट और चकरोता रोड को जोड़ने वाला पांवधोई नदी पर बना ब्रिटिशकालीन पुल भी तीन दशक पहले जर्जर हो गया था, इस पुल का तोड़कर दो दशक पहले नया पुल बनाया गया था जिस पर यातायात चलता है। वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण पुल को चौड़ा करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। नुमाइश कैंप में पुल का निर्माण

नुमाइश कैंप में ढमोला नदी पर बना ब्रिटिशकालीन पुल तीन दशक पहले जर्जर हो चुका था। काफी जद्दोजहद के बाद दो दशक पहले इस पुल के बराबर में प्रदेश शासन द्वारा नए पुल का निर्माण कराया गया था। इसी पुल से होकर यातायात गुजरता है। ब्रिटिशकालीन पुल को तोड़ा नही गया है लेकिन उसे यातायात के लिए बंद किया जा चुका है। जेल चुंगी के निकट पुल का निर्माण

जेल चुंगी के निकट ढमोला नदी पर बना ब्रिटिशकालाीन पुल भी दो दशक पहले जर्जर हो गया था। इस पुल के बराबर में डेढ़ दशक पहले नए पुल का निर्माण कराया गया था। पुराना पुल यातायात के लिए बंद किया जा चुका है। पुराना पुल अभी भी अपनी जगह कायम है लेकिन दो पहिया वाहन पुल से होकर निकलते रहते है। मसखरा नदी का पुल जर्जर

सहारनपुर से बेहट को जाने वाले दिल्ली यमुनोत्री मार्ग पर कलसिया के निकट मसखरा नदी पर बना पुल वर्ष-1886 में ब्रिटिशकाल के दौर में बना था। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड द्वारा यहां बोर्ड लगाया गया है कि आगे पुल क्षतिग्रस्त है। पुल के बराबर में नए पुल का निर्माण फोरलेन का काम रुकने के कारण कई वर्षों से बंद पड़ा है।

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