गन्ना मूल्य न बढ़ने पर भाकियू तोमर ने किया हाईवे जाम

द्वारा गन्ना मूल्य में वृद्धि न किए जाने के विरोध में भाकियू तोमर गुट के कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर धरना देकर रोष जताते हुए मार्ग जाम कर दिया तथा गन्ना व पाती जलाकर विरोध जताया ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 11:41 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 11:41 PM (IST)
गन्ना मूल्य न बढ़ने पर भाकियू तोमर ने किया हाईवे जाम
गन्ना मूल्य न बढ़ने पर भाकियू तोमर ने किया हाईवे जाम

सहारनपुर जेएनएन। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में वृद्धि न किए जाने के विरोध में भाकियू तोमर गुट के कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर धरना देकर रोष जताते हुए मार्ग जाम कर दिया तथा गन्ना व पाती जलाकर विरोध जताया । किसानों की समस्याओं को लेकर एक मांग पत्र उप जिलाधिकारी देवबंद को सौंपा। करीब एक घंटे तक जाम लगा रहा इस दौरान दोनों और वाहनों की कतारें लग गई।

किसान यूनियन तोमर गुट के जिलाध्यक्ष चौधरी सुखबीर सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राजस्व कार्यालय के सामने हाईवे पर पहुंचकर धरना देते हुए मार्ग जाम कर दिया। इस अवसर पर चौधरी सुखबीर सिंह ने कहा कि तेल उर्वरक के दाम तथा बिजली बिल बढऩे से गन्ने की फसल की लागत बढ़ गई है ,लेकिन प्रदेश सरकार ने पिछले 3 वर्षों से गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाया है अब पात्ती व पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाकर किसानों का शोषण किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों की समस्याओं से संबंधित एक ज्ञापन भी उप जिलाधिकारी देवबंद राकेश कुमार को सौंपा गया। प्रधानमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में फसल की लागत के अनुसार गन्ना मूल्य ? 450 प्रति कुंतल किए जाने तथा पिछले सीजन व इस सीजन का गन्ना भुगतान माननीय न्यायालय के आदेशानुसार 14 दिन बाद मय ब्याज के दिलवाए जाने तथा किसानों को फसलों के अवशेष पराली एवं पाती जलाने पर होने वाले मुकदमे का कानून समाप्त किया जाए जिन किसानों पर मुकदमे किए गए उन्हें वापस लिया जाए तथा शुगर मिलों के क्रय केंद्रों पर चल रही घट तोली को तुरंत बंद कराया जाए एवं बिजली की दरें कम की जाएं तथा किसानों को गन्ने का भुगतान होने तक सरकारी वसूली पर रोक लगाई जाए तब तक तहसील की रिकवरी एवं मुकदमे वापस लिए जाएं आदि मांग शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से अशोक त्यागी, शाहनवाज खान ,अरविद त्यागी ,सुशील चौधरी ,ऋषि पाल त्यागी ,नवाब सिंह ,नवीन त्यागी ,दीपक त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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