आंधी पानी से किसान को नुकसान, कहीं कटी तो कहीं खड़ी है फसल

नानौता में गुरुवार शाम को धूल भरी आंधी के चलने से खेतों में लगे भूसे के ढेर उड़ गए। वहीं सड़क किनारे लगे होर्डिग भी उखड़ गए। आम व आड़ू की फसल को भारी नुकसान की आशंका है। किसान हाजी सत्तार खान निसार खान ऋषि पाल जयपाल संदीप कुमार अरुण कुमार तुलसी राम राम स्वरूप अंकित कुमार बाबू राम राम सिंह दर्पण सैनी व महमूद अख्तर आदि का कहना है कि आंधी से खेत में लगे भूसे के ढेर उड़ गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:47 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:47 PM (IST)
आंधी पानी से किसान को नुकसान, कहीं कटी तो कहीं खड़ी है फसल
आंधी पानी से किसान को नुकसान, कहीं कटी तो कहीं खड़ी है फसल

सहारनपुर, जेएनएन। नानौता में गुरुवार शाम को धूल भरी आंधी के चलने से खेतों में लगे भूसे के ढेर उड़ गए। वहीं सड़क किनारे लगे होर्डिग भी उखड़ गए। आम व आड़ू की फसल को भारी नुकसान की आशंका है। किसान हाजी सत्तार खान, निसार खान, ऋषि पाल, जयपाल, संदीप कुमार, अरुण कुमार, तुलसी राम, राम स्वरूप, अंकित कुमार, बाबू राम, राम सिंह, दर्पण सैनी व महमूद अख्तर आदि का कहना है कि आंधी से खेत में लगे भूसे के ढेर उड़ गए। बागबान अमर सिंह, श्याम सिंह, काली राम, विजय कुमार, ऋषि पाल, मेहरबान, समय दीन, यार खान चौधरी, मुकेश व उमरदीन आदि का कहना है कि पेड़ के ऊपर लगा छोटा आम हवा के झोंकों से नीचे गिर गया। आडू की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचने की संभावना लग रही है।

किसान परेशान

नकुड़: क्षेत्र में धूल भरी आंधी चलने से आम की फसल को होने वाले नुकसान का अंदेशा होने से किसान चितित हुए। उधर, खेत मे पड़ा गेहूं का भूसा उड़ने से भी किसानों को नुकसान हुआ है। शाम के समय आंधी चलने से लोगो ने घरों का रुख किया। हर तरफ धूल का गुबार नजर आया।

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आंधी ने मचाया तांडव

तल्हेड़ी बुजुर्ग : गुरुवार शाम को आयी आंधी से दिन में ही अंधेरा छा गया और होर्डिंग व भूसे के ढेर उड़ गए। इस धूल भरी आंधी से बागों में पेड़ों पर आ रहे छोटे-छोटे आम टूटकर नीचे आ गिरे, जिससे बागवानों और ठेकेदारों को चिता में डाल दिया । फसल कटी पड़ी, किसान की चिता बढ़ी

सरसावा: आसमान पर छाए बादलों के बीच शाम के समय आई तेज हवा से किसानों के खेत में पड़ा भूसा दूर-दूर तक उड़ता दिखाई दिया, उधर मजदूरों के अभाव में कुछ किसानों की या तो खेत मे गेहूं की फसल खड़ी है अथवा कुछ की कटी जमीन पर पड़ी है, बादलों को देख किसान चिता में हैं।

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