जड़ पर हो प्रहार तो तस्कर मानेंगे हार

नशा तस्कर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बर्बाद कर रहे हैं जबकि नौजवान इस दलदल में फंसकर अपना भविष्य चौपट कर रहे हैं। आबकारी विभाग हो या फिर पुलिस विभाग। सभी अफसर मौन बैठे हैं। नशा तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:35 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:35 PM (IST)
जड़ पर हो प्रहार तो तस्कर मानेंगे हार
जड़ पर हो प्रहार तो तस्कर मानेंगे हार

सहारनपुर, जेएनएन। नशा तस्कर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बर्बाद कर रहे हैं, जबकि नौजवान इस दलदल में फंसकर अपना भविष्य चौपट कर रहे हैं। आबकारी विभाग हो या फिर पुलिस विभाग। सभी अफसर मौन बैठे हैं। नशा तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। हालांकि पुलिस इक्का-दुक्का छोटे तस्करों को पकड़कर अपनी पीठ जरूर थपथपा लेती है, लेकिन जहां नशे की जड़े हैं वहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस को सब पता है। नशीले पदार्थ बरेली, गुजरात और पंजाब से सहारनपुर में आ रहे हैं, लेकिन वहां के बड़े नशा तस्करों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। यदि वहां के तस्करों पर भी कार्रवाई हो तो स्थानीय तस्करो में भी दहशत होगी। इससे साफ है कि कार्रवाई होने पर कुछ हद तक इस धंधे पर लगाम लगेगी। आबकारी विभाग पाल रहा नशा तस्कर

शहर के हर गली नुक्कड़ की दुकानों पर नशे की पुड़िया बेची जा रही हैं, जबकि आबकारी विभाग मौन है। इस विभाग के कई कर्मचारियों और अधिकारियों को सब कुछ पता होता है। बावजूद इसके छोटे नशा तस्करों पर कार्रवाई नहीं की जाती। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि इन नशा तस्करों से मोटी रकम हर माह वसूली जाती है। भांग के ठेके से लेकर शराब के ठेकों तक आबकारी विभाग बड़ा खेल करता है। कमिश्नर और जिलाधिकारी को इस विभाग पर शिकंजा कसना होगा। तभी नशा तस्करों पर भी कार्रवाई हो सकती है। संलिप्त पुलिसकर्मियों पर मेहरबान अफसर

अभी पांच दिन पहले देहात कोतवाली पुलिस ने सात नशा तस्करों को पकड़ा। उनसे बड़ी मात्रा में स्मैक और चरस भी बरामद हुई, लेकिन देहात कोतवाली पुलिस ने छह तस्करों को छोड़ दिया और एक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की इतिश्री कर दी। यहीं नहीं, जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उस पर भी मामूली नशा दिखाया गया है। यदि जिले में ऐसे ही चलता रहा तो यहां कैसे नशे पर लगाम लगेगी। नए कप्तान को ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी तभी नशा तस्करों की कमर तोड़ी जा सकेगी। 15 दिन का अभियान चलाकर शांत बैठी खाकी

तत्कालीन एसएसपी डा. एस चन्नपा ने करीब तीन माह पूर्व 15 दिन का अभियान चलाया था। इस दौरान स्कूल, कालेज में पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ युवाओं को जागरूक किया। नशा तस्करों की धरपकड़ के लिए टीमें बनाकर गिरफ्तारी भी की गई। अभियान के तहत 100 से अधिक तस्करों को जेल भेजा गया।

बहुत बुरा नशा है, अब हम संभल गए

शहर की आवास विकास निवासी दो युवकों ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि सूखा नशा बेहद खतरनाक है। उन्होंने करीब पांच साल तक स्मैक, चरस और गांजे का नशा किया है। जब हालात उनकी मौत होने के हो गए तब उन्होंने नशा करना छोड़ दिया। दोनों युवकों की जिले के युवाओं से अपील है कि नशे से दूर रहें। यह शरीर और भविष्य दोनों को खराब करता है।

ये हैं सामाजिक संगठनों ने भी जताई चिता

दैनिक जागरण का अभियान सराहनीय है। मिर्जापुर में नशे का बड़ा धंधा चल रहा है। हमारी संस्था लगातार नशे के खिलाफ काम कर रही है। लोगों का सहयोग भी मिल रहा है। पुलिस प्रशासन भी सहयोग कर रहा है। मंदिर के पुजारियों और मस्जिद के मौलवियों का भी साथ मिल रहा है। हम नशे के खिलाफ जागरण की मुहिम में शामिल हैं।

-नवाब मलिक, हैल्पिग हैंड मिशन मिर्जापुर पोल चिलकाना क्षेत्र में नशे का बड़ा धंधा चल रहा है। इसके लिए पुलिस और आबकारी विभाग जिम्मेदार है। कई युवाओं की जान तक जा चुकी है। बावजूद इसके सिस्टम कुछ नहीं कर रहा है।

-एन तिवारी, दिशा सामाजिक संगठन के संस्थापक नशा सभी अपराधों की जननी है। दैनिक जागरण की मुहिम बहुत अच्छी है। इस पर पुलिस और आबकारी विभाग को काम करना चाहिए।

-दिनेश गुप्ता, नागरिक मौलिक अधिकार मंच के सचिव हमारी संस्था तीन साल से नशे के खिलाफ काम कर रही है। नशे की दलदल में फंसे कुछ बच्चों को गोद लेकर प्राइवेट स्कूल में दाखिला कराया। दैनिक जागरण एक सामाजिक काम कर रहा है। इस पर अफसरों को भी काम करना चाहिए।

सलीम सिद्दीकी, आसरा फाउंडेशन अंबेहटा के अध्यक्ष नशे के खिलाफ हमारी संस्था के द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया जाता है। अभी भी चल रहा है। आमजन का भी सहयोग मिल रहा है। दैनिक जागरण की मुहिम अच्छी है। इस पर अधिकारियों को काम करना चाहिए।

गौरव शर्मा, अध्यक्ष हार्ट टच संस्था हमारी संस्था के द्वारा समय समय पर नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। विभिन्न गांवों में बैठकें कर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से यह धंधा चल रहा है।

निर्मला रानी, आंचल ग्रामीण संस्था की सचिव ---

नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाकर उनकी कमर को तोड़ा जाएगा, जिस राज्य से सहारनपुर में नशा आ रहा है, उस राज्य में भी पुलिस टीमें भेजकर नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जाएगा। दूसरे राज्यों से गिरफ्तारी होगी तो सहारनपुर के तस्कर भी डरेंगे।

आकाश तोमर, एसएसपी जिले में नशा तस्करों के खिलाफ एक रणनीति बनाई जा रही है। जल्द ही तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग में जो भी तस्करों के साथ संलिप्त हैं। उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

वरुण कुमार, जिला आबकारी अधिकारी

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