सर्द हवाओं में तेजी आते ही सर्दी दिखाने लगी तेवर

जिले के मौसम ने तेजी से रंग बदलना शुरू कर दिया है। सर्द हवाओं में तेजी आने के साथ ही सर्दी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तापमान में निरंतर गिरावट होने से ठंड व ठिठुरन भी बढ़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 06:36 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:36 PM (IST)
सर्द हवाओं में तेजी आते ही सर्दी दिखाने लगी तेवर
सर्द हवाओं में तेजी आते ही सर्दी दिखाने लगी तेवर

सहारनपुर, जेएनएन। जिले के मौसम ने तेजी से रंग बदलना शुरू कर दिया है। सर्द हवाओं में तेजी आने के साथ ही सर्दी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तापमान में निरंतर गिरावट होने से ठंड व ठिठुरन भी बढ़ने लगी है।

विगत करीब एक पखवाड़े से मौसम में निरंतर भारी बदलाव दर्ज किया जाता रहा है। सुबह व शाम में जहां सर्द हवाओं के जोर पकड़ने से सर्दी तेजी पकड़ती है वहीं दिन में निकलने वाली धूप सर्दी के प्रकोप से कुछ हद तक राहत दिला रही है। सर्द गर्म मौसम के कारण बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है, खासकर हृदय के रोगियों के लिए ठंड खतरनाक साबित होती जा रही है। उधर दिन व रात के तापमान में भारी अंतर दर्ज किया जा रहा है। सोमवार को अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री तथा न्यूनतम 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम वेधशाला प्रभारी उमेश कुमार ने आगामी दिनों में पहाड़ों पर बर्फ गिरने तथा तेज सर्द हवाओं के चलने की संभावना जताई है। दिल को रोगियों के लिए ठंड घातक

सर्दी का मौसम में दिल के रोगियो के लिए घातक साबित होता रहा है। ऐसे में जरूरत उचित देखभाल की है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. कलीम अहमद के अनुसार सर्दी में दिल की नाड़िया सिकुड़ जाती हैं तथा शरीर को गरम रखने के लिए दिल को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। किसी को यदि पहले से ब्लाकेज है तो एंजाइना या छाती में दर्द और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरत ठंड से बचाव करने की है।

दिल के रोगी ऐसे करें बचाव

-सुबह और शाम में जब ज्यादा ठंड या बादल छाए हों तो बाहर ना जाएं।

-छाती को ठंडी हवा न लगने दें, खासकर सुबह के समय।

-तड़के या देर रात को खुले में सैर न करें।

-ठंडे पानी की जगह गुनगुने पानी से ही नहाएं।

-संभव हो तो बाथरूम को भी हीटर लगाकर गर्म कर लें।

-नहाने के तुरंत बाद घर से बाहर नहीं निकलें।

दवाओं की डोज कम लें

डा. कलीम अहमद के अनुसार गर्मी के मुकाबले सर्दी में ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाता है और ज्यादा दवाइयों की जरूरत होती है, जिससे दिल से संबंधित दिक्कत बढ़ जाती है। इसलिए बिना चिकित्सक की सलाह से दवा न बदलें और न लें। इसके अलावा जिनको शुगर और बीपी की शिकायत है, वे भी चिकित्सक की सलाह पर ही बीपी और शुगर का लेवल कंट्रोल में रखने के उपाय करें।

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