भाजपा निकाय प्रकोष्ठ के 23 मंडलों के संयोजक नियुक्त

देवबंद में भाजपा स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के जिला संयोजक दीपकराज सिघल द्वारा जिले के सभी 23 मंडलों के प्रकोष्ठ संयोजकों की घोषणा करते हुए सभी मंडल संयोजकों से मिशन 2022 की सफलता को जी जान से मेहनत करने की आशा जताई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:26 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:26 PM (IST)
भाजपा निकाय प्रकोष्ठ के 23 मंडलों के संयोजक नियुक्त
भाजपा निकाय प्रकोष्ठ के 23 मंडलों के संयोजक नियुक्त

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में भाजपा स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के जिला संयोजक दीपकराज सिघल द्वारा जिले के सभी 23 मंडलों के प्रकोष्ठ संयोजकों की घोषणा करते हुए सभी मंडल संयोजकों से मिशन 2022 की सफलता को जी जान से मेहनत करने की आशा जताई है।

दीपकराज सिघल ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष डा. महेंद्र सिंह सैनी की संस्तुति के बाद घोषित किए गए संयोजकों में नकुड़ नगर से शिवचरण शर्मा, नकुड़ देहात से रमेश कुमार, चिलकाना से कुलदीप कश्यप, देवबंद नगर से राजीव गुप्ता, देवबंद देहात से अनुराग राणा, बड़गांव से शिव कुमार राणा, तल्हेड़ी से बोबी सिघल, नागल से हेमंत अरोड़ा, बेहट से रवि कांत सिघल, सढ़ोली कदीम से सुशील राणा, शाकुंभरी देवी से ऋषिपाल राणा, मुजफ्फराबाद से शिव कुमार गुप्ता, छुटमलपुर से विकास गुप्ता, सरसावा नगर से राकेश साहनी, सरसावा देहात से विजेंद्र चौधरी, रामपुर नगर से अरविद धीमान, रामपुर देहात से चौ. कंवर पाल, बलियाखेड़ी से जयपाल सिंह, गंगोह नगर से नीरज अग्रवाल, गंगोह देहात से राजू सैनी, तीतरों से धर्मवीर चौधरी, अंबेहटा से मनोज आर्य एवं नानौता से धीरज रोहिल्ला शामिल हैं। दीपकराज सिघल ने कहा कि सभी संयोजक अपने अपने क्षेत्र के सभासदों को साथ लेकर भाजपा के पक्ष में चुनाव की तैयारी में जुट जाएं।

किसान को समझौता वार्ता के लिए डीएम ने बुलाया

नागल : जमीन का उचित मुआवजा न मिलने से क्षुब्ध मीरपुर के एक किसान द्वारा 20 अक्टूबर को आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी, जिसके परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी सहारनपुर ने भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी विनय कुमार के द्वारा पीड़ित किसान को समझौता वार्ता हेतु 21 अक्टूबर को अपने कार्यालय बुलाया है, जहां सेतु निगम के अधिकारियों को भी वार्ता के लिए बुलाया गया है।

बताते चलें कि मीरपुर मोहनपुर निवासी किसान रामूवालिया की कुछ भूमि रेलवे ओवर ब्रिज हेतु अधिग्रहण की गई थी जिसे सेतु निगम के अधिकारी खेती की जमीन का मुआवजा दे रहे हैं, जबकि रामूवालिया का कहना है कि उसने इससे पूर्व जब अपनी कुछ भूमि अन्य गांव वालों को बेची थी तो राजस्व अधिकारियों ने उस पर आबादी की भूमि का स्टांप लगवाया था। जब एक ही खेत की भूमि को आबादी में लिया गया है तो इस भूमि को भी आबादी के हिसाब से ही अधिग्रहित की जाए। एसडीएम देवबंद व सेतु निगम के अधिकारियों की रामूवालिया से कई बार वार्ता हुई मगर कोई समाधान नहीं हो पाया,जिस पर भाकियू के सक्रिय कार्यकर्ता रामूवालिया ने चेतावनी दी थी कि अगर उसे उचित मुआवजा नहीं मिला तो वह 20 अक्टूबर को आत्मदाह कर लेगा। इसी चेतावनी के मद्देनजर जिलाधिकारी सहारनपुर ने उक्त मामले के निपटारे हेतु दोनों पक्षों को 21 अक्टूबर को अपने कार्यालय बुलाया है।

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