पठेड़ के तालाब पर हो रहे अवैध कब्जे, प्रशासन का भय नहीं

पठेड़ में तालाबों को संरक्षित रखने की कवायद शासन से लेकर प्रशासन तक ही नहीं सुप्रीम कोर्ट तक ने की है लेकिन ब्लाक सरसावा की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बरथा कायस्थ में सभी आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:07 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:07 PM (IST)
पठेड़ के तालाब पर हो रहे अवैध कब्जे, प्रशासन का भय नहीं
पठेड़ के तालाब पर हो रहे अवैध कब्जे, प्रशासन का भय नहीं

सहारनपुर, जेएनएन। पठेड़ में तालाबों को संरक्षित रखने की कवायद शासन से लेकर प्रशासन तक ही नहीं सुप्रीम कोर्ट तक ने की है, लेकिन ब्लाक सरसावा की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत बरथा कायस्थ में सभी आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं। इस गांव में तालाब की भूमि पर अस्थाई व स्थाई अवैध कब्जों को प्रशासन आज तक नहीं हटवा पाया है।

गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी न्यायिक संस्था सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में तालाबों को संरक्षित करने के निर्देश दिए थे। साफ तौर पर कहा गया था कि अवैध कब्जे हटाए जाएं और तालाबों को पुन: उनकी पूर्व स्थिति में सरकार लाए। इसी क्रम में शासन ने भी प्रशासन को तालाबों को जीवित करने के निर्देश दिए थे। प्रशासन की कुछ कवायद इसे लेकर हुई भी, लेकिन धरातल पर कम और कागजी ज्यादा रही। सरसावा ब्लाक का आबादी के स्तर पर सबसे बड़ा गांव बरथा कायस्थ (पठेड़) पंचायत राज व राजस्व विभाग की लापरवाही का जीता जागता उदाहरण है। इस गांव के एक तालाब जिसका रकबा 9 बीघा है पर अवैध कब्जे तालाब के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं। खास बात तो यह है कि किसी भी विभाग ने इस तालाब को इसकी पूर्व स्थिति में लाने का कोई प्रयास नहीं किया। शासन और प्रशासन के तालाबों को संरक्षित करने के लिए कार्रवाई के अभियान भी इस तालाब के दिन नहीं सुधार सके।

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इंसेट:

राकेश कुमार, मुशर्रफ़, देवेंद्र कुमार ने बताया कि उनके गांव में नौ बीघा का तालाब था, जो कभी पानी से लबालब रहता था, लेकिन कुछ समय में दर्जनों लोगों ने आधे से ज्यादा तालाब पर कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों ने मंडलायुक्त व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत भेजकर तालाब कब्जा मुक्त कराने की मांग की है।

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