एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल, मरीजों को झेलनी पड़ी परेशानी

एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गई। अब 108 और 102 के कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि पहले दिन कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया लेकिन एसबीडी अस्पताल से जिन महिलाओं की डिलीवरी के बाद छुट्टी हुई है उन्हें अपने घर जाने में परेशानी झेलनी पड़ी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:31 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:31 PM (IST)
एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल, मरीजों को झेलनी पड़ी परेशानी
एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल, मरीजों को झेलनी पड़ी परेशानी

सहारनपुर, जेएनएन। एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद मरीजों की परेशानी बढ़ गई। अब 108 और 102 के कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि पहले दिन कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया, लेकिन एसबीडी अस्पताल से जिन महिलाओं की डिलीवरी के बाद छुट्टी हुई है उन्हें अपने घर जाने में परेशानी झेलनी पड़ी। पहले दिन कोई गंभीर मरीज जिला अस्पताल में नहीं पहुंचा है, जिसे हायर सेंटर रेफर करना पड़े। हालांकि सीएमओ ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी मांग पर अडिग हैं।

जीवनदायिनी स्वास्थ्य एंबुलेंस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल चौधरी, कोषाध्यक्ष राहुल राणा आदि ने बताया कि जिले में 108 एंबुलेंस की 40 गाड़ियां हैं। 102 एंबुलेंस की 35 गाड़िया हैं। वहीं, लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की संख्या तीन हैं। प्रत्येक गाड़ी पर चार-चार कर्मचारी हैं। कुल मिलाकर लगभग 80 कर्मचारी सभी एंबुलेंस पर तैनात हैं। उन्होंने बताया कि वह सभी कर्मचारी जीवीकेई एमआरआइ कंपनी के कर्मचारी हैं। अभी तक इस कंपनी पर ठेका था। अब किसी नई कंपनी ने सरकार से टेंडर ले लिया है। नई कंपनी उन्हें अपनी कंपनी में समायोजन नहीं कर रही है। वह नए कर्मचारियों को रख रही है, जिस कारण मजबूरीवश उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। वह काफी समय से समायोजन की मांग कर रहे हैं, लेकिन समायोजन नहीं किया जा रहा है। सभी कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी। तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

यह है एंबुलेंस कर्मचारियों की मांग

- सभी एंबुलेंस कर्मचारियों का नई कंपनी में समायोजन किया जाए।

- कोरोना महामारी में मरे एंबुलेंस कर्मचारियों को 50 लाख बीमा राशि दी जाए।

- प्रतिवर्ष 23 हजार रुपये महंगाई भत्ता मिलना चाहिए।

- प्रशिक्षण शुल्क के नाम पर कर्मचारियों से रुपये न मांगे जाएं। लोगों को पहले दिन खूब हुई परेशानी

एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लोगों को खूब परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान एसबीडी अस्पताल में गर्भवती महिलाएं आई तो वह अपने निजी वाहन से आई। किशनपुर मोहल्ले के रहने वाले रमेश ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती है। उन्होंने पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 108 नंबर पर फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसी तरह से जिले के गांव देहात में भी लोगों को समस्या झेलनी पड़ी।

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